पश्चिमी यूरोप (Western Europe) में भीषण गर्मी ने सोमवार को अपना कहर बरपाया. इससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं और आपात सेवाओं पर भार भी बढ़ा है. लंदन में मौजूद रिदिमा सिंह ने NDTV के साथ लंदन के तापमान का स्क्रीनशॉट साझा किया. इसमें लंदन के हैरो ऑन द हिल में तापमान 40 डिग्री पर पहुंचा हुआ है, जबकि पेरिस का तापमान 39 डिग्री बता रहा है. इससे पहले ब्रिटेन (UK) के मौसम विभाग ने बताया है कि यहां दक्षिणी लंदन में गेटविक एयरपोर्ट के पास पारा 39.1 सेल्सियस पहुंच गया था. मौसम विभाग ने कहा, " पुष्टि होने पर यह ब्रिटेन में अब तक का सबसे अधिक तापमान होगा. आज तापमान और भी बढ़ सकता है." ब्रिटेन में मौसम विभाग ने पहली बार पारा 40 डिग्री से ऊपर पहुंचने का आंकलन किया है.
विशेषज्ञ पर्यावरण में बदलाव (Climate Change) और ताजा गर्मी (Heatwave) को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि आने वाले सालों में और भी तेजी से मौसम बदलेगा.
अधिक तापमान के कारण अधिकतर इंग्लैंड और वेल्स में गर्मी का रेड अलर्ट जारी है. यहां कुछ रेलवे लाइन बंद कर दी गईं और कुछ इलाकों में स्कूल भी बंद कर दिए गए. स्काई न्यूज़ से बात करते हुए ट्रांसपोर्ट सेक्रेट्री ग्रांट शेप्पस ने कहा, "हमारा बहुत सा ढांचा इस तापमान के लिए बना ही नहीं है."
वहीं फ्रांस के जंगलों में लगी आग से अग्निशमन दस्ते के लोग अभी भी निपटने की कोशिश कर रहे हैं. यहां आग के कारण भारी नुकसान हुआ है और हजारों लोगों को अपा घर छोड़ना पड़ा है. देश में करीब 1700 अग्निशमन दल के कर्मचारी, हवाई मदद के साथ जंगल में दो तरफ लगी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसने करीब 17,000 हेक्टेयर ( 42,000 एकड़) जंगल स्वाहा कर दिया है.
ला टेस्टते - दे -बच ( La Teste-de-Buch) के मेयर पैट्रिक डेवेट ने कहा कि यह दिल तोड़ने वाला है. इसके कारण लोगों को घर छोड़ना पड़ा और पर्यटन के मौसम में हमारा नुकसान हो रहा है.
उधर पुर्तगाल, स्पेन, में भीषण जंगल की आग के कारण, अत्यधिक गर्मी के कारण यूरोप की सबसे महत्वपूर्ण राइन नदी के जलस्तर में और गिरावट आ गई. इसके कारण कोयले और तेल की पावर स्टेशन्स पर डिलीवरी और जर्मनी के इंडस्ट्रियल प्लांट्स पर खतरा बढ़ गया है.
जर्मनी के अर्थव्यवस्था के मंत्री रॉबर्ट हैबेक ने सोमवार को कहा, " पर्यावरण का संकट दुनिया में बढ़ रहा है. उन्होंने एक स्टडी रिलीज़ की, जो दिखाती है कि मौसम में अत्यधिक बदलाव के कारण यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था को 81 बिलियन यूरोप का नुकसान हुआ.