यूरोप की धरती से ऑर्बिट में लॉन्च होने को तैयार पहला रॉकेट, जानिए यह खास मौका क्यों है

जर्मनी की एक स्टार्ट-अप Isar सोमवार को नॉर्वे के एंडोया स्पेसपोर्ट से अपने स्पेक्ट्रम रॉकेट को लॉन्च करने जा रही है. यह रॉकेट की टेस्ट फ्लाइट है.

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यूरोप की धरती से ऑर्बिट में लॉन्च होने को तैयार पहला रॉकेट स्पेक्ट्रम

यूरोप स्पेस टेक्नोलॉजी की दुनिया में सोमवार, 24 मार्च को इतिहास बनाने वाला है. जर्मनी की एक स्टार्ट-अप Isar सोमवार को नॉर्वे के एंडोया स्पेसपोर्ट से अपने स्पेक्ट्रम रॉकेट को लॉन्च करने जा रही है. यह रॉकेट की टेस्ट फ्लाइट है. इसके साथ पहली बार ऐसा होगा जब यूरोप की धरती से कोई रॉकेट लॉन्च होगा और धरती की कक्षा यानी ऑर्बिट के लिए निकलेगा. अगर यह टेस्ट फ्लाइट सफल रहती है तो यह यूरोप के लिए सुखद खबर होगी जो अंतरिक्ष तक अपनी पहुंच बनाए रखने का इच्छुक है.

भारतीय समयानुसार सोमवार को शाम 5 बजे से लेकर 8 बजे के बीच रॉकेट को लॉन्च किया जाना है. यह रूस को छोड़कर, यूरोपीय महाद्वीप से किसी ऑर्बिटल लॉन्च व्हिकल की पहली उड़ान होगी.

खाली हाथ जाएगी फ्लाइट, न पाकर भी बहुत कुछ मिल सकता है..

स्पेक्ट्रम रॉकेट 28 मीटर ऊंचा और दो मीटर व्यास वाला है. इसमें एक टन की पेलोड क्षमता है. यानी वह इस वजन के किसी सैटेलाइट को लॉन्च कर सकता है. लेकिन इस बार यह कोई कार्गो नहीं ले जाएगा और इससे उम्मीद भी नहीं की जा रही है कि यह कक्षा (ऑर्बिट) तक पहुंच सकता है.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार रॉकेट बनाने वाली स्टार्टप, Isar Aerospace के को-फाउंडर और CEO डैनियल मेट्जलर ने बताया,

"हम जितनी भी उड़ान भरे, वह अच्छा होगा. क्योंकि हमें डेटा और अनुभव मिलेगा. तीस सेकंड भी उड़ गए तो वो पहले से ही एक बड़ी सफलता होगी. हमें इस टेस्ट फ्लाइट के साथ ऑर्बिट में पहुंचने की उम्मीद नहीं है. वास्तव में, कोई भी कंपनी अभी तक अपने पहले ऑर्बिटल लॉन्च व्हिकलस को कक्षा में स्थापित करने में कामयाब नहीं हुई है."

उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के SpaceX को भी ऐसा करने में चार प्रयास लग गए.

अबतक यूरोप रहा दूसरों पर निर्भर

यूरोप में एरियनस्पेस जैसी और भी बड़ी स्पेस लॉन्च कंपनियां हैं लेकिन वो अपने लॉन्च दक्षिण अमेरिका में स्थित फ्रांसीसी क्षेत्र फ्रेंच गुयाना से करती है. उसके साथ परेशानी यह है कि यूरोपीयन कंपनियां सैटेलाइट और लॉन्च रॉकेट बनाती तो यूरोप में हैं, लेकिन फिर उसे जहाजों की मदद से किसी और महाद्वीप ले जाना पड़ता है.

इसके अलावा फरवरी 2022 में मास्को ने जबसे यूक्रेन पर आक्रमण किया है, उसके बाद से यूरोप के पास रूसी स्पेन स्टेशनों और लॉन्चरों तक कोई पहुंच नहीं है.

उधर अमेरिका में जबसे डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं, यूरोप की बन नहीं रही. ऐसे में यूरोप के लिए यह अहम हो गया है कि वो अपने पैरों पर खड़ा हो जाए. डैनियल मैट्जलर ने हाल ही में कहा था  "आज के भू-राजनीतिक माहौल में, हमारी पहली टेस्ट फ्लाइट एक रॉकेट लॉन्च से कहीं अधिक है."
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