ट्रंप के 'गाजा प्लान' के खिलाफ मुस्लिम देशों ने तानी मुट्ठी, जानिए क्या है जवाबी 'इजिप्ट प्लान'

मिस्र के प्रस्ताव में कथित तौर पर गाजा के भीतर सुरक्षित क्षेत्र स्थापित करने की बात कही गई है. इस जगह फिलिस्तीनी लोग शुरुआती छह महीनों तक रह सकते हैं. इस अवधि के दौरान मिस्र और अंतर्राष्ट्रीय निर्माण कंपनियां क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को हटाकर पुनर्वास का काम करेगी.

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कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को लेकर एक प्लान सबके सामने रखा था. जिसमें गाजा पर नियंत्रण करने और वहां से लाखों फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने की बात कही थी. डोनाल्ड ट्रंप के इस प्लान को अरब देशों ने अस्वीकार कर दिया था. वहीं अब ट्रंप के गाजा प्लान के जवाब में इजिप्ट अपनी एक योजना लेकर आया है. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के इस प्लान को अरब देशों ने मंजूरी दे दी है. 

इजिप्ट ने फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना गाजा के पुनर्निर्माण की व्यापक योजना तैयार की है. इस मुद्दे पर चर्चा के लिए काहिरा में 4 मार्च को एक आपातकालीन अरब सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में शामिल हुए अरब देशों ने इस प्लान को स्वीकार कर लिया है. बता दें मिस्र पहले भी 1948 से 1967 तक गाजा का प्रशासन देख चुका है.

आखिर क्या है इजिप्ट की गाजा को लेकर वो योजना जो ट्रंप के 'गाजा प्लान' पर भारी पड़ी है. ये हम आपको आज के एक्सप्लेनर में बताने जा रहा है. साथ ही ये योजना कितने चरणों में होगी और इसपर  कितनी लागत आएगी इसकी भी जानकारी देने वाले हैं...

इजिप्ट का गाजा प्लान 

मिस्र की योजना के तहत इजरायल द्वारा लगभग पूरी तरह से नष्ट किए गाजा को एक सुंदर शहर बनाया जाएगा. यहां शांति और सुरक्षा कायम करने से लेकर इस क्षेत्र में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के शासन को फिर से स्थापित करने का लक्ष्य है. मिस्र की योजना के तहत गाजा का पुनर्निर्माण किया जाएगा. यहां पर घरों से लेकर हवाई अड्डे बनाएं जाएंगे. खास बात ये है कि फिलिस्तीनी आबादी को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. योजना में तीन प्रमुख चरण शामिल हैं: अंतरिम उपाय, पुनर्निर्माण और शासन. पहला चरण लगभग छह महीने तक चलेगा. जबकि अगले दो चरणों को चार से पांच वर्षों में पूरा किए जाएंगे.

कैसे होगा गाजा का पुनर्निर्माण और कितना आए खर्च

काहिरा के प्रस्ताव में कथित तौर पर गाजा के भीतर 'सुरक्षित क्षेत्र; स्थापित करने की बात कही गई है, जहां फिलिस्तीनी लोग शुरुआती छह महीनों तक रह सकते हैं, जबकि मिस्र और अंतर्राष्ट्रीय निर्माण कंपनियां क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को हटाकर उसका पुनर्वास करेंगी. ब्लूप्रिंट के अनुसार, फिलिस्तीनी टेक्नोक्रेट्स की एक समिति छह महीने के दौरान सलाह अल-दीन स्ट्रीट से मलबा हटाने पर जोर देगी. बता दें ये गाजा पट्टी में मुख्य उत्तर-दक्षिण राजमार्ग है और किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने से पहले इससे मलबा हटाना सबसे अधिक जरूरी है. इजरायल हमले में ये सड़क पूरी तरह से मलबे से दब गई है. राजमार्गों और सड़कों को साफ करने के बाद 1.2 मिलियन लोगों के लिए 200,000 अस्थायी आवास इकाइयां बनाई जाएंगी. साथ ही युद्ध के दौरान क्षतिग्रस्त हुई  60,000 इमारतों की मरम्मत की जाएगी.

अगले दो चरणों में  योजना के तहतकम से कम 400,000 स्थायी घर बनाना है, साथ ही गाजा के बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का पुनर्निर्माण करना है. साथ ही पानी की सुविधा दूरसंचार सेवाएं और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी बहाल की जाएंगी. योजना के अंतिम चरण में एक संचालन एवं प्रबंधन परिषद की स्थापना की जाएगा. जो गाजा में अंतरिम शासी निकाय को सहायता देने वाली एक वित्तीय निधि होगी.

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Al Jazeera में छपी खबर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठनों, विदेशी और निजी क्षेत्र के निवेशों से ये राशि प्राप्त की जाएगी.

क्या था ट्रंप का गाजा प्लान

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में गाजा की फिलिस्तीनी आबादी को पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था.
  2. ट्रंप की योजना मुताबिक जो गाजावासी जाएंगे, उन्हें वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  3. इसमें अमेरिका के गाजा का नियंत्रण संभालने, वहां के निवासियों को मिस्र और जॉर्डन भेजने और मध्य पूर्व में कथित तौर पर रिवेरा बनाने की योजना थी.
  4. क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप की योजना की तीखी आलोचना हुई थी. लेकिन प्रस्ताव का इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोरदार समर्थन किया था.
  5. 10 फरवरी को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायल गाजा पट्टी पर अमेरिकी राष्ट्रपति के 'क्रांतिकारी, रचनात्मक दृष्टिकोण' पर चर्चा कर रहा है.
  6. ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा ट्रंप के प्लान पर कहा था,  गाजा और फिलिस्तीन के लिए अमेरिका की 'मूर्खतापूर्ण' योजना 'कहीं नहीं पहुंचाएगी. 
  7. वैश्विक जनमत अब फिलिस्तीन के पक्ष में है' इसलिए प्रतिरोध और गाजा के लोगों की सहमति के बिना कोई भी योजना सफल नहीं होगी.
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