ट्रंप शपथग्रहण के बाद ले सकते हैं ये 5 बड़े फैसले, दुनिया को चौंकाएंगे

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले विक्ट्री रैली की, जिसमें उन्‍होंने फिर उन वादों को दोहराया, जिनके दम पर वह जीत कर आए हैं. ट्रंप शपथ ग्रहण के पहले ही दिन कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही पहले दिन क्या-क्या करेंगे डोनाल्ड ट्रंप...
वाशिंगटन:

डोनाल्ड ट्रंप आज अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं. ऐसे में सबकी नजरें अब इस पर टिकी हुई हैं कि वह सत्‍ता संभालने के बाद क्‍या बड़े आदेश सबसे पहले देंगे. ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह ऐसे एक्‍जीक्‍यूटिव आदेश देने जा रहे हैं, जिसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिलेगा. पूर्व राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के कुछ फैसलों का पलटने का दावा भी उन्‍होंने किया है. विक्‍ट्री रैली में दिये भाषण में ट्रंप ने संकेत भी दिये कि उनका फोकस किन मुद्दों पर सबसे ज्‍यादा रहेगा. शपथ ग्रहण की पूर्व संध्या पर डोनाल्‍ड ट्रंप ने समर्थकों से कहा कि वह अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए आक्रामक अभियान चलाने का आदेश देंगे. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण और कार्यकारी आदेशों की झड़ी को लेकर एक खाका खींच दिया. शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप किन बेहद खास 5 आदेशों को जारी करने की योजना बना रहे हैं आइए आपको बताते हैं.

1- रूस-यूक्रेन खत्‍म कराएंगे

डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता में आने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्‍त हो सकता है. ट्रंप ने रविवार को वाशिंगटन डीसी में आयोजित विक्ट्री रैली में उन्होंने दावा किया, 'मैं यूक्रेन में युद्ध समाप्त करूंगा. मैं मध्य पूर्व (जैसा कि पश्चिम में पश्चिम एशिया के रूप में जाना जाता है) में अराजकता को रोकूंगा, और मैं तीसरे विश्व युद्ध को होने से रोकूंगा और आपको पता नहीं है कि हम कितने करीब हैं.' दरअसल, यूक्रेन रूस के सामने 2023 से ही डटा हुआ है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि उसे मुख्य रूप से अमेरिकी नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के गठबंधन का पूरा समर्थन प्राप्त है. जो बाइडेन प्रशासन ने उनकी पूरी मदद की है। ट्रंप लगातार युद्ध समाप्त कराने का संकेत देते रहे हैं.

2- मास डिपोर्टेशन

ट्रंप ने विक्ट्री रैली में अमेरिका में सभी अवैध प्रवेश को समाप्त करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की अपनी इच्छा दोहराई. उन्होंने कहा कि वह सोमवार को अपने उद्घाटन भाषण में ऐसी घोषणाएं करेंगे जो हमारी सीमाओं को बहाल करने के लिए दुनिया में अब तक का सबसे आक्रामक, व्यापक प्रयास होगा. ट्रंप का कहना है कि दक्षिण सीमा को सील किया जाएगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन पहले दिन अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा निर्वासन अभियान शुरू करेगा और बाइडेन प्रशासन की हर खुली सीमा नीति को खत्म कर देगा. 

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3- महिलाओं के खेल से ट्रांसजेंडर लोगों को रोकना 

डोनाल्‍ड ट्रंप का कहना है कि वह महिलाओं के खेलों से ट्रांसजेंडर लोगों को रोकेंगे. बता दें कि रिपब्लिकन नेतृत्व वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने हाल ही में एक विधेयक पारित किया, जिसके तहत ट्रांसजेंडर एथलीटों के लड़कियों और महिलाओं के खेलों में भाग लेने पर कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह कानून किसी भी स्कूल या विश्वविद्यालय में महिला टीमों में ट्रांसजेंडर छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाएगा, हालांकि सीनेट द्वारा इसे पारित किए जाने और कानून बनाना बड़ी चुनौती है. 

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4- ऊर्जा अन्‍वेषण पर प्रतिबंध हटाया जाएगा 

डोनाल्‍ड ट्रंप का मानना है कि एनर्जी रिसर्च के क्षेत्र में अमेरिका को अन्‍य देशों से मिलकर काम करना चाहिए. ट्रंप ने अपनी कई रैलियों में कहा भी था कि वह एनर्जी रिसर्च से प्रतिबंध हटाएंगे. अमेरिका द्वारा ऊर्जा अन्वेषण पर प्रतिबंध हटाने का अर्थ है कि वह अपने देश में या अन्य देशों के साथ मिलकर ऊर्जा के नए स्रोतों की खोज और विकास के लिए नियमों को ढीला करेगा. भारत जैसे देशों को इससे काफी लाभ मिलेगा, जो ऊर्जा के लंबी छलांग लगा रहे हैं.   

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5- सरकारी दक्षता में सुधार लाना 

ट्रंप ने विक्‍ट्री रैली में कहा कि वह तेल की खोज और ड्रिलिंग को मुक्त करने के लिए जलवायु नियमों में कटौती करेंगे, जिसे वे "लिक्विड गोल्ड" कहते हैं, वह कंपनियों को वापस लाएंगे और अमेरिकी खरीदने और अमेरिका की नीतियों को बढ़ावा देंगे, करों और सरकारी नौकरशाही को कम करेंगे, और सरकारी मामलों में पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे. कुल मिलाकर सरकारी दक्षता में सुधार लाया जाएगा, जिससे काम तेजी से होंगे. 

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डोनाल्‍ड ट्रंप खास फोकस एशिया के देशों पर होगा, उन्‍होंने खुद को पहले ही पश्चिम एशिया में शामिल कर लिया है. इस क्षेत्र के लिए उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ उस अमेरिकी टीम का हिस्सा थे, जिसने इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम पर काम किया था, जो रविवार को प्रभावी हुआ. ट्रंप ने महीनों तक चली वार्ता को समाप्त करने का श्रेय लेने की कोशिश की है, तो वहीं बाइडेन ने अपने उत्तराधिकारी के साथ श्रेय साझा करने के किसी भी सुझाव पर नाराजगी जताई है.

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