- डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत पर लगे टैरिफ से दोनों देशों के मधुर संबंधों में खटास आई है
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर मेरे पास टैरिफ लगाने का अधिकार न होता तो कई युद्ध छिड़ सकते थे
- डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को उन्होंने टैरिफ के जरिए रोका
जब से डोनाल्ड ट्रंप फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं तब से उनके लगाए टैरिफ की मार से दुनिया के कई देश कराह रहे हैं. कहने को तो ट्रंप खुद को भारत के पीएम मोदी का सबसे अच्छा दोस्त बताते हैं लेकिन उन्होंने दोस्ती का राग अलपाते हुए भी भारत पर जरूरत से ज्यादा टैरिफ थोप दिया. नौबत ये आन पड़ी कि दोनों देशों के बीच के जो रिश्ते दशकों की मेहनत के बाद मधुर हुए थे, उनमें खट्टास का तड़का लगता दिखने लगा. हालांकि अभी भी भारत और अमेरिका में टैरिफ को लेकर बातचीत का दौर जारी है. इस बीच ट्रंप के सामने वो सवाल फिर आ गया, जिसका जवाब दुनिया चाहती है.
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मैंने क्या किया बताना नहीं चाहता
दरअसल जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि क्या आप टैरिफ पर अपना रख बदलेंगे. इस सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिल्कुल साफ लफ्जों में एकदम साफ-साफ कहा, "अगर मेरे पास टैरिफ लगाने का अधिकार न होता, तो सात में से कम से कम चार युद्ध छिड़ जाते... अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो वे इसके लिए तैयार थे. सात विमान मार गिराए गए... मैं ठीक-ठीक नहीं बताना चाहता कि मैंने क्या कहा, लेकिन मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था... हमने न केवल सैकड़ों अरब डॉलर कमाए, बल्कि टैरिफ के कारण हम शांति रक्षक भी हैं."
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एम्बलर रोड परियोजना को दी मंजूरी
ट्रंप ने अलास्का के जंगलों से होकर गुजरने वाली 211 मील लंबी एम्बलर रोड परियोजना को फिर से मंजूरी दे दी है. इस सड़क के निर्माण से तांबा, कोबाल्ट, सोना और अन्य खनिजों के खनन को बढ़ावा मिलेगा. यह परियोजना ट्रंप के पहले कार्यकाल में स्वीकृत हुई थी, लेकिन बाद में बाइडन प्रशासन ने इसे पर्यावरणीय और जनजातीय प्रभावों के आधार पर रोक दिया था. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक समारोह में कहा, “यह परियोजना लंबे समय से चालू होनी चाहिए थी और देश के लिए अरबों डॉलर की कमाई कर सकती थी, बाइडन ने इसे रोककर समय, पैसा और प्रयास बर्बाद किया. अब हम फिर से शुरुआत कर रहे हैं और इस बार हमारे पास इसे पूरा करने के लिए पर्याप्त समय है.”