- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच अलास्का में रूस-यूक्रेन युद्ध पर वार्ता होगी.
- वार्ता में यूक्रेन को शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे युद्धविराम समझौते की उम्मीदें कम हो गई हैं.
- पुतिन डोनेट्स्क क्षेत्र के यूक्रेन नियंत्रित हिस्से से हटने की मांग कर रहे हैं, जिसे जेलेंस्की ने ठुकरा दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अमेरिकी राज्य अलास्का में आमने-सामने की वार्ता होने जा रही है. यह वार्ता अहम है क्योंकि यहां पिछले 3 साल से अधिक वक्त से जारी रूस-यूक्रेन जंग को रोकने यानी सीजफायर पर समझौते की कोशिश की जाएगी. लेकिन इन उम्मीदों के बीच सबसे बड़ी बात है कि इस बातचीत के मेज पर खुद यूक्रेन को जगह नहीं मिलेगी. दूसरी तरफ पुतिन जंग रोकने के लिए ऐसी मांग करते दिख रहे हैं जिसे आधिकारिक रूप से सामने आने से पहले ही यूक्रेन ने सिरे से नकार दिया है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन युद्धविराम समझौते के तहत डोनेट्स्क क्षेत्र के शेष 30% हिस्से से हट जाए, जिसपर अभी यूक्रेन का कंट्रोल है. इस प्रस्ताव को जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है.
वार्ता में यूक्रेन को जगह नहीं मिलेगी- अमेरिका ने की पुष्टि
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि ट्रंप और पुतिन के बीच शुक्रवार को होने जा रही बैठक "राष्ट्रपति ट्रंप के लिए सुनने का अभ्यास है". यानी ट्रंप वहां बस सुनने जा रहे हैं, इससे रूस-यूक्रेन के बीच शीघ्र युद्धविराम समझौते की उम्मीदें कम हो गई हैं. व्हाइट हाउस से यहां एक तरह से इस बात पर भी मुहर लगा दी कि बैठक में यूक्रेन शामिल नहीं होगा. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा, "युद्ध में शामिल केवल एक ही पक्ष ही (बैठक में) मौजूद रहेगा, और इसलिए यह राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि वे जाएं और फिर से इस बारे में और अधिक दृढ़ और बेहतर समझ प्राप्त करें कि हम इस युद्ध को कैसे समाप्त कर सकते हैं."
क्या वार्ता के पहले ही अमेरिका से नाराज यूक्रेन?
जेलेंस्की ने कहा है कि जंग को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने वाले अमेरिका के नेतृत्व वाली बातचीत में भविष्य में रूसी आक्रामकता को रोकने के लिए यूक्रेन के लिए कोई सुरक्षा गारंटी पर चर्चा नहीं की गई है. साथ ही कहा कि वर्तमान में चर्चा किए जा रहे बैठक प्रारूपों में यूरोप की भागीदारी शामिल नहीं है. यूक्रेन की यही दोनों प्रमुख मांगें हैं.
इस बीच, जमीन पर मौजूद रूसी सेनाएं पोक्रोव्स्क शहर के आसपास एक प्रमुख जमीनी क्षेत्र पर कब्जा कर रही हैं.
जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को शिखर सम्मेलन से पहले और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के स्तर पर आगे की बैठकों से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें यह कह दिया था यूक्रेन को अपनी जमीन छोड़नी पड़ सकती है.
जेलेंस्की ने मंगलवार को कीव में एक प्रेस वार्ता में कहा कि पुतिन यूक्रेन के कंट्रोल वाले डोनेट्स्क के शेष 9,000 वर्ग किलोमीटर (3,500 वर्ग मील) को चाहते हैं. इस क्षेत्र में युद्ध की सबसे कठिन लड़ाई चल रही है. ऐसा करने से डोनबास का लगभग पूरा क्षेत्र रूस के हाथ में आ जाएगा, यह क्षेत्र यूक्रेन के पूर्वी औद्योगिक हृदय क्षेत्र में शामिल है जिसे पुतिन लंबे समय से चाहते रहे हैं.
पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद, ट्रंप और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के साथ बातचीत के बाद जेलेंस्की को रूस की मांग के बारे में पता चला. विटकॉफ ने जेलेंस्की को बताया कि रूस युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार है और दोनों पक्षों की ओर से क्षेत्रीय रियायतें होनी चाहिए. कुछ यूरोपीय साझेदार भी इस कॉल का हिस्सा थे.
जेलेंस्की ने दोहराया कि यूक्रेन-नियंत्रित क्षेत्र से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है, खासकर जब यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी के सवाल पर चर्चा नहीं की जा रही है. जेलेंस्की ने मंगलवार को एक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, "हम डोनबास नहीं छोड़ेंगे. हम ऐसा नहीं कर सकते. हर कोई पहला भाग भूल जाता है - हमारे क्षेत्रों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है… रूसियों के लिए डोनबास भविष्य के नए आक्रमण के लिए एक स्प्रिंगबोर्ड है."
जेलेंस्की ने कहा कि 2014 में ऐसा ही हुआ था जब रूस ने अवैध रूप से क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था.
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