अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ पॉलिसी पर दुनिया के तमाम देशों से ही नहीं, खुद अपने देश के अंदर भी आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. एक तरफ तो अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया ने ट्रंप सरकार पर केस दायर कर दिया है वहीं अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेड रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने भारी महंगाई की चेतावनी दे दी है. ट्रंप के इस फैसले ने वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध शुरू कर दिया है जिसका प्रभाव अमेरिका के कई उद्योगों में महसूस किया जा रहा है. ऐसे में फेड अध्यक्ष ने बुधवार, 16 अप्रैल को कहा कि ट्रंप प्रशासन के तहत नीतिगत बदलावों ने फेडरल रिजर्व को अज्ञात संकट (uncharted waters) में डाल दिया है.
शिकागो में एक भाषण देते हुए पॉवेल ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा अब तक घोषित टैरिफ वृद्धि का स्तर "अनुमान से काफी बड़ा" है और इस मुद्दे पर बनी अनिश्चितता स्थायी आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है. पॉवेल ने कहा, "ये बहुत बुनियादी नीतिगत बदलाव हैं… इस बारे में कैसे सोचा जाए इसका कोई आधुनिक अनुभव नहीं है."
अपने भाषण में पॉवेल ने धीमी अर्थव्यवस्था का उल्लेख किया. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि "महंगाई बढ़ने की संभावना है क्योंकि टैरिफ अपना रास्ता अपना रहे हैं और उन टैरिफ का कुछ हिस्सा जनता द्वारा भुगतान किया जाना है." उन्होंने "उच्च अनिश्चितता के समय" में बाजारों में "अस्थिरता" का भी जिक्र किया.
अमेरिकी शेयर बाजार को झटके पर झटका
टैरिफ वॉर से शुरू हुई अस्थिरता वॉल स्ट्रीट पर दिखाई दे रही है जहां एक समय नैस्डैक चार प्रतिशत से अधिक, एसएंडपी तीन प्रतिशत से अधिक और डॉव जोन्स दो प्रतिशत से अधिक गिर गया. अगर खास शेयर की बात करें तो सबसे बड़ा झटका Nvidia को लगा. दरअसल चीन के साथ ट्रंप के वॉर के बाद अमेरिका ने चीन को सेमीकंडक्टर चीप (H20 chips) भेजने पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, अगर भेजना भी है तो एक खास लाइसेंस लेना होगा. Nvidia ने जब अपने प्रमुख लागतों का खुलासा किया तो उसके शेयर में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई.