डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल के ‘टैरिफ डे’ से पहले पल-पल बदल रहे स्टैंड, भारत को क्या संकेत मिल रहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से कई देशों पर टैरिफ लादने वाले हैं और इसी दिन को उन्होंने  ‘लिबरेश डे’ यानी आजादी का दिन करार दिया है.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अमेरिका के राष्ट्रपति का ‘लिबरेश डे' बस आने वाला है. ट्रंप 2 अप्रैल से कई देशों पर टैरिफ लादने वाले हैं और इसी दिन को उन्होंने  ‘लिबरेश डे' यानी आजादी का दिन करार दिया है. लेकिन ट्रंप जैसे यूटर्न लेते हैं, उनका अगला कदम गेस करना मुश्किल नहीं असंभव हो जाता है. अब ‘लिबरेश डे' को लेकर भी उन्होंने कुछ ऐसा हिंट दिया है, जिसपर सबकी नजर है. डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वो कुछ देशों को रियायत दे सकते हैं और उनपर 2 अप्रैल से टैरिफ नहीं लादा जाएगा. 

जहां भारत जैसे अमेरिका के करीबी देश  और व्यापारिक पार्टनर देश ट्रंप से टैरिफ छूट पाने के लिए हरेक कोशिश कर रहे हैं, ट्रंप ने साफ संकेत दिया है कि उनसे ऐसी छूट प्राप्त करना मुश्किल होगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा है?

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार, 24 मार्च को कहा कि ऑटोमोबाइल टैरिफ जल्द ही आ रहे हैं. लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि उनके सभी धमकी भरे टैरिफ 2 अप्रैल को नहीं लगाए जाएंगे. साथ ही कहा कि कुछ देशों को छूट मिल सकती है. व्हाइट हाउस में रिपोर्टरों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह "कई देशों" को टैरिफ पर छूट दे सकते हैं, लेकिन उन्होंने इसको लेकर कोई डिटेल्स नहीं दिए.

इस बीच, ट्रंप ने कहा कि अमेरिका "निकट भविष्य" में ऑटो, फार्मास्यूटिकल्स और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाएगा. ट्रंप के दो सीनियर अधिकारियों - ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्हाइट हाउस के शीर्ष आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट - ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार टैरिफ बाधाओं वाले देशों के एक संकीर्ण समूह पर 2 अप्रैल को बहुप्रतीक्षित जवाबी टैरिफ घोषणा पर ध्यान केंद्रित करेगी.

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भारत को रियायत की उम्मीद

रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि भारत वाशिंगटन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते के हिस्से के रूप में 23 अरब डॉलर के आधे से अधिक आयात पर टैरिफ कटौती करने को तैयार है. भारत ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि ट्रंप 2 अप्रैल से उसपर जवाबी टैरिफ न लगाए.

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नई दिल्ली ने अनुमान लगाया है कि अगर जवाबी टैरिफ लगाया गया तो अमेरिका को उसके 66 अरब डॉलर मूल्य के कुल निर्यात का 87% इससे प्रभावित होगा.

बता दें कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में अमेरिका का भारत के साथ $45.6 बिलियन का व्यापार घाटा है, और इसका औसत टैरिफ 2.2% भारत के 12% से काफी कम है.

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