दो चेहरे वाला, फिदेल कास्त्रो का बेटा... जानिए जस्टिन ट्रूडो को क्या-क्या बोल चुके हैं ट्रंप

Donald Trump Justin Trudeau Relations: जस्टिन ट्रूडो के संबंध न सिर्फ पीएम मोदी से बल्कि कई ताकतवर नेताओं से खराब हैं. चीन के राष्ट्रपति को याद ही होगा किस्सा. आज ट्रंप से उनके रिश्तों को जान लीजिए...

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Donald Trump Justin Trudeau Relations: ट्रंडो के संबंध ट्रंप से एक बार फिर खराब हो सकते हैं.

Donald Trump Justin Trudeau Relations: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को साफ-साफ बोलने की आदत है. वो जिसके बारे में जैसा सोचते हैं सीधे बोल देते हैं. कोरोना को लेकर उन्होंने ही चीन का नाम सीधे तौर पर लिया था. पीएम मोदी के बारे में जब भी बात होती है तो वो उन्हें अच्छा इंसान, दोस्त आदि बोलते हैं. ये दोनों की मुलाकातों में भी दिख जाता है. मगर चीन से भी ज्यादा ट्रंप को जस्टिन ट्रडो (Justin Trudeau) से एलर्जी है.वही कनाडा वाले जस्टिन ट्रडो. खालिस्तानियों के यार, मददगार और विदेशमंत्री जयशंकर की शब्दों में कहें तो पाखंडी. ट्रूडो ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत से ही अपनी गलतियों के लिए भिड़ रहे हैं. इससे पहले वो ट्रंप से भी भिड़ चुके हैं. उन्हें नाटो में तो रहना है, लेकिन खर्च नहीं करना. अमेरिका को सामान बेचकर कमाना है, लेकिन टैक्स नहीं देना. मगर भारत की तरह ही ट्रंप ने भी जमकर ट्रूडो को सुनाया है. अब ट्रंप फिर व्हाइट हाउस में आ गए हैं और ट्रूडो अंदर ही अंदर सुलगते हुए उन्हें मजबूरी में बधाई दे रहे हैं. आइए आपको बताते हैं ट्रंप ने ट्रूडो की शान में क्या-क्या अब तक कहा है...

    1. दो माह पहले ही सितंबर में ट्रंप ने अपनी एक किताब में जस्टिन ट्रूडो के बारे में उस अफवाह को हवा दे दी थी जिसमें कहा जाता है कि वे क्यूबा के दिवंगत तानाशाह फिदेल कास्त्रो के बेटे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी किताब 'सेव अमेरिका' में लिखा है कि ट्रूडो की मां मार्गरेट फिदेल कास्त्रो से "किसी तरह जुड़ी हुई थीं. बहुत से लोग कहते हैं कि जस्टिन उनका बेटा है."  उन्होंने लिखा है कि, "वह (जस्टिन ट्रूडो) कहता है कि वह नहीं है, लेकिन उसे कैसे पता चलेगा!" हालांकि ट्रंप ने इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ अफवाह को हवा दी. वास्तव में कास्त्रो के ट्रूडो के पिता होने की अफवाहों को पहले भी खारिज किया जा चुका है.   
    2. मई 2018 में एक घटना से इन दोनों नेताओं के बीच तनाव उभरकर सामने आ गया था. फोन पर बातचीत में ट्रूडो ने कनाडा के स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाने के ट्रंप के औचित्य पर सवाल उठाया था, क्योंकि यह "राष्ट्रीय सुरक्षा" का मुद्दा था. इसके जवाब में ट्रंप ने कथित तौर पर मजाक उड़ाया था. उन्होंने कहा था कि, "क्या आप लोगों ने व्हाइट हाउस को नहीं जलाया?" उन्होंने यह बात सन 1812 के युद्ध के संदर्भ में कही थी, जब इस कृत्य के लिए ब्रिटिश सेना के बजाय कनाडा को जिम्मेदार ठहराया गया था.ट्रूडो ने टैरिफ को "अपमानजनक और अस्वीकार्य" बताया था.
    3. क्यूबेक में जी-7 समिट में भी यह टकराव जारी रहा. ट्रूडो ने "अपमानजनक" टैरिफ के खिलाफ अपना रुख दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि कनाडा को दबाया नहीं जाएगा. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूडो को "बेईमान और कमजोर" बताया. इसके साथ जवाबी कार्रवाई करते हुए सिंगापुर की अपनी उड़ान के दौरान अचानक जी-7 की संयुक्त विज्ञप्ति से अमेरिका को वापस ले लिया. 
    4. साल 2019 में लंदन में नाटो समिट के दौरान भी ट्रंप और ट्रूडो फिर से भिड़ गए थे. एक वीडियो में ट्रूडो दुनिया के अन्य नेताओं के साथ ट्रंप के अप्रत्याशित व्यवहार पर चर्चा करते हुए दिखाई दिए थे. इस पर ट्रम्प ने जवाब में ट्रूडो को "दो-चेहरे वाला" कहा था और नाटो के दो प्रतिशत रक्षा खर्च लक्ष्य को पूरा करने में कनाडा की विफलता की आलोचना की थी.
    5. जब डोनाल्ड ट्रंप सत्ता से बाहर हो गए तब भी उनके जस्टिन ट्रूडो से मतभेद जारी रहे. ट्रूडो ने साल 2023 में एक इंटरव्यू में ट्रम्प के "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" मूवमेंट और कनाडा में रूढ़िवादी नेताओं के बीच समानताओं का जिक्र किया. उन्होंने गर्भपात और लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर वगैरह के समुदाय एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) को अधिकारों की संभावित वापसी की बात कही. तब ट्रंप ने ट्रूडो को "फार-लेफ्ट लूनेटिक" यानी घोर वामपंथी पागल कहा और कनाडा सरकार के टीकाकरण विरोधी जनादेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे फ्रीडम कॉनवाय का समर्थन कर दिया. 
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