कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को बताया गैरकानूनी, तिलमिलाए राष्ट्रपति बोले- 'बर्बाद कर देगा ये फैसला'

Donald Trump Tarrif: कोर्ट की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है, जिस पर ट्रंप ने कहा कि ये फैसला देश को तबाह कर देगा

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट से लगा बड़ा झटका

टैरिफ को लेकर पूरी दुनिया में हाहाकार मचाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी कोर्ट ने कहा है कि ट्रंप के अधिकांश टैरिफ गैरकानूनी हैं. हालांकि फिलहाल इस पर रोक नहीं लगाई गई है. इस फैसले पर डोनाल्ड ट्रंप का भी रिएक्शन आया है, जिसमें उन्होंने फैसले को पक्षपात भरा बताया है. 

शक्तियों का किया गलत इस्तेमाल

यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने साफ कहा है कि ट्रंप ने अपनी इमरजेंसी पावर का गलत इस्तेमाल किया है. कोर्ट ने साफ किया कि ट्रंप को दुनिया के हर देश पर मनचाहा टैरिफ लगाने का कोई भी कानूनी अधिकार नहीं है. राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का असीमित अधिकार नहीं दिया जा सकता है.  अमेरिका की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए फिलहाल ट्रंप के फैसलों पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई है और उन्हें वक्त दिया गया है.

अक्टूबर तक का मिला वक्त

टैरिफ की आड़ में दुनिया को धमका रहे ट्रंप के लिए ये एक बड़ा कानूनी झटका है. इससे पहले न्यूयॉर्क की फेडरल ट्रेड कोर्ट ने भी कुछ इसी तरह का फैसला सुनाया था, जिसे अब कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने काफी हद तक बरकरार रखा है. जजों ने 7-4 के फैसले में ये भी कहा कि लगता है कि कांग्रेस का इरादा राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का असीमित अधिकार देना था. फिलहाल कोर्ट ने टैरिफ को तुरंत रद्द नहीं करने का फैसला लिया और ट्रंप प्रशासन को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का वक्त दिया है. अक्टूबर तक ट्रंप इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं. 

तबाह कर देगा ये फैसला- डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई है और कहा है कि, अगर इस फैसले को लागू होने दिया गया, तो यह सचमुच संयुक्त राज्य अमेरिका को बर्बाद कर देगा. इस मामले को लेकर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा कि ट्रंप ने कानून के मुताबिक ही काम किया और इस मामले में आखिरकार हमारी जीत होगी. यानी ट्रंप प्रशासन अब फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रहा है. 

नुकसान से बचाने वाला फैसला

अमेरिकी कानूनी जानकारों का मानना है कि इस फैसले से नुकसान से बचा जा सकता है, ट्रंप के लगाए गए टैरिफ का क्या असर होगा, ये फिलहाल साफ नहीं है. हालांकि कोर्ट ने अमेरिकी व्यापार के हित में ये फैसला सुनाया है. अब अगर सुप्रीम कोर्ट में भी यही फैसला बरकरार रहता है तो ये ट्रंप सरकार के लिए एक बड़ी चेतावनी की तरह होगा, जिसमें ये साफ हो जाएगा कि ट्रंप अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर सकते हैं. 

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस फैसले को लागू करने के लिए इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक पॉवर्स एक्ट (IEEPA) का सहारा लिया था. जिसमें राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर इसे सही ठहराया गया. अमेरिकी संविधान के मुताबिक कांग्रेस के पास टैरिफ समेत तमाम टैक्स लगाने की पावर है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ये शक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति के हाथों में दे दी गई है, जिसका ट्रंप ने धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है. इस कानून का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका के विरोधी देशों जैसे- ईरान और नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए किया जाता है.

ट्रंप सरकार की तरफ से दिया गया ये तर्क

कोर्ट में ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया कि तमाम कोर्ट्स ने 1971 के आर्थिक संकट में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के लगाए गए टैरिफ को मंजूरी दी थी. निक्सन प्रशासन ने 1917 के ट्रेडिंग विद द एनिमी एक्ट के तहत अपने अधिकार का हवाला दिया था. सरकार ने तर्क दिया है कि अगर टैरिफ को रद्द कर दिया जाता है, तो उसे कुछ आयात करों को वापस करना पड़ सकता है जो उसने जमा किए हैं, जिससे अमेरिकी ट्रेजरी को बड़ा वित्तीय नुकसान हो सकता है. हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया कि ट्रंप को दुनिया के हर देश पर टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं दिया जा सकता है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Lalan Singh का Video वायरल होने के बाद Elections Commission ने भेजा Notice | Bihar Elections