अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार व्हाइट हाउस के लिए निर्वाचित होने पर कुछ मुस्लिम बहुल देशों के लोगों पर अतीत में लगाया गया विवादित यात्रा प्रतिबंध बहाल करने का वादा किया. शनिवार को ‘रिपब्लिकन जूइश कोलिशन' के वार्षिक शिखर सम्मेलन में ट्रंप (77) ने कहा, "आपको यात्रा प्रतिबंध याद हैं? एक दिन मैं यात्रा प्रतिबंध बहाल करूंगा. हमने यात्रा प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि हमारे देश में ऐसे लोग आएं, जो उसे नुकसान पहुंचाने के विचार को पसंद करते हों."
ट्रंप ने दावा किया कि उनके प्रशासन के दौरान लगाया गया यात्रा प्रतिबंध काफी सफल रहा. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे ट्रंप ने कहा, "हमारे देश में चार साल में एक भी घटना नहीं हुई, क्योंकि हमने बुरे लोगों को अपने देश से बाहर रखा. हमने उन्हें बाहर निकाल दिया. हमारे देश में एक भी घटना नहीं हुई."
डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 में अपने राष्ट्रपति कार्यकाल की शुरुआत के दौरान ईरान, लीबिया, सोमालिया, सीरिया, यमन, ईराक और सूड़ान से लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी.
व्हाइट हाउस ने इस बयान को लेकर पूर्व राष्ट्रपति की आलोचना की है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने कहा, "2020 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्लामोफोबिया में ‘अत्यंत' वृद्धि की निंदा की थी, जिसे उन्होंने एक ‘हानिकारक बीमारी' बताया था और उनके पूर्ववर्ती द्वारा गैर-अमेरिकी मुस्लिमों पर लगाए गए प्रतिबंध को पलट दिया था."
बेट्स ने कहा, "नफरत के खिलाफ एकजुट होने की अब पहले से कहीं अधिक जरूरत है, क्योंकि अमेरिकी मुस्लिम और अरब अमेरिकी भयावह और दिल दहला देने वाली हिंसा का निशाना बन रहे हैं, जिसमें छह साल के बच्चे की बर्बर हत्या भी शामिल है." उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइेन ने इस्लामोफोबिया (मुस्लिमों के प्रति घृणा की भावना) के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई की है.
सैकड़ों समर्थकों के उत्साहवर्धन के साथ ट्रंप ने हमास को नष्ट करने के इजराइल के अभियान के साथ एकजुट रहने, बर्बर आतंकवादियों से अमेरिका और इजराइल की रक्षा करने तथा बाइडन प्रशासन की ईरान तुष्टिकरण की नीति को पलटने का संकल्प भी लिया.
ये भी पढ़ें :-
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)