अमेरिका ने भारत को अहम साझेदार बताते हुए पीएम मोदी की इस टिप्पणी का किया जिक्र

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत हमारा वैश्विक रणनीतिक साझेदार है. भारत के साथ हमारे व्‍यापक व गहरे संबंध हैं. द्विपक्षीय संबंधों और जी-20 से इतर बहुपक्षीय संबंधों को लेकर भी कई फैसले किए जाएंगे.’’

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भारत, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के अलावा ‘आई2यू2’ में इज़राइल भी शामिल है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि भारत, अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक समेत कई प्रमुख सम्मेलनों में शामिल होने के लिए भारत के लिए रवाना हो गए हैं. ब्लिंकन क्वाड (चतुष्पक्षीय संवाद समूह) मंत्रिस्तरीय बैठक में भी शामिल होंगे और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. ‘क्वाड' में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत हमारा वैश्विक रणनीतिक साझेदार है. भारत के साथ हमारे व्‍यापक व गहरे संबंध हैं. द्विपक्षीय संबंधों और जी-20 से इतर बहुपक्षीय संबंधों को लेकर भी कई फैसले किए जाएंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के साथ एक मुक्त तथा खुले हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को साझा करते हैं और क्वाड के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय समूहों के संदर्भ में भारत द्विपक्षीय रूप से हमारा एक प्रमुख भागीदार है. हमने कुछ साझेदारियों को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया है जिसमें भारत की अहम भूमिका है.'' प्राइस ने कहा, ‘‘ हमने हाल में ‘आई2यू2' के बारे में काफी बात की है, एक नयी साझेदारी जिसमें भारत, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका शामिल है. इसलिए कई एजेंडे हैं और मंत्री के वहां यात्रा करने पर आपको उनके बारे में सुनने को मिलेगा.'' भारत, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के अलावा ‘आई2यू2' में इज़राइल भी शामिल है.

कज़ाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान की अपनी यात्रा के बाद ब्लिंकन तीन दिवसीय भारत यात्रा के लिए नयी दिल्ली पहुंचेंगे. उनकी द्विपक्षीय बैठकों के दौरान, रूस और चीन दोनों पर बातचीत होने की उम्मीद है. प्राइस ने कहा, ‘‘आपने भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुत दृढ़ता से सुना है कि यह युद्ध का युग नहीं है. दुनिया भर में कई देश हैं, खासकर रूस जो नियम-आधारित आदेश, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों, यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के सिद्धांतों को चुनौती दे रहे हैं. हम अपने भारतीय भागीदारों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा करना जारी रखेंगे. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि जी20 और उससे जुड़े कार्यक्रमों के एजेंडे में यह शामिल होंगे.'' प्राइस ने कहा कि भारत और अमेरिका के कई महत्वपूर्ण हित और कई महत्वपूर्ण मूल्य साझा करते हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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