मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने शनिवार को कहा कि देश में 76 भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के असैन्य कर्मचारियों ने ले ली है. एचएएल ने भारत द्वारा उपहार में दिए गए दो हेलीकॉप्टर का निर्माण किया था. इस प्रकार स्वदेश लौटने वालों की सटीक संख्या पर संशय भी समाप्त हो गया.
एक मीडिया रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि मालदीव सरकार का सेनहिया में तैनात भारत के डॉक्टरों को हटाने का कोई इरादा नहीं है.
नयी दिल्ली में फरवरी में दोनों देशों के बीच एक समझौते के बाद निर्धारित 10 मई की समयसीमा के अनुसार, मालदीव में हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान के दो मंचों के संचालन के लिए तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को शुक्रवार तक वापस भेज दिया गया था.
यह समझौता चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की नवंबर में उनके पदभार संभालने के कुछ घंटों के भीतर की गई मांग का परिणाम था. न तो नयी दिल्ली और न ही माले ने समझौते का विवरण सार्वजनिक किया है. मालदीव ने इसे “गोपनीय” करार दिया है.
स्थानीय मीडिया की खबरों में जमीर के भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा से लौटने के एक दिन बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किए जाने का संदर्भ दिया गया जिसमें हनीमाधू, कधधू और गान में तैनात भारतीय सैनिकों की उपस्थिति का ब्योरा दिया गया था.
इस बीच, एक समाचार पोर्टल की खबर में जमीर को उद्धृत करते हुए कहा गया, ‘‘सात मार्च से नौ मार्च के बीच गान से 26 सैनिक हटाए गए, जबकि सात अप्रैल से नौ अप्रैल के बीच हनीमाधू से 25 अन्य सैनिक हटाए गए और मंगलवार को 12 सैनिक कधधू से हटाए गए. 13 जवानों का अंतिम जत्था बृहस्पतिवार को कधधू से स्वदेश वापस चला गया.''
खबर में कहा गया कि भारत से आया असैनिक चालक दल 2026 में देश से जाएगा. इसमें कहा गया कि गान में 26 सदस्यीय दल की अनुबंध अवधि फरवरी 2025 में समाप्त हो जाएगी. कधधू में 25 सदस्यीय दल की अनुबंध अवधि भी फरवरी 2025 में समाप्त होगी. हनीमाधू में 25 सदस्यीय दल की अनुबंध अवधि फरवरी 2026 में समाप्त हो जाएगी.
मालदीव सरकार ने पूर्व में कहा था कि दस्तावेजों से पता चलता है कि मालदीव में दो सैन्य हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान संचालित करने के लिए 89 भारतीय सैनिक हैं.
जमीर ने कहा कि भारत द्वारा उपहार में दिए गए हेलीकॉप्टर का निर्माण करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के असैन्य कर्मचारी भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह लेने आए हैं.
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