दिल्ली धमाके का टेलीग्राम कनेक्शन, कैसे ये ऐप आतंकियों के लिए साबित हो रहा मददगार

दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार धमाके का संदिग्ध हमलावर माना जा रहा उमर मोहम्मद डॉक्टरों के एक ऐसे उग्र समूह का सदस्य था, जो मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक दूसरे से जुड़े हुए थे.

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  • लाल किला के पास कार धमाके का संदिग्ध हमलावर उमर मोहम्मद टेलीग्राम पर डॉक्टरों के एक उग्र समूह से जुड़ा हुआ था.
  • इसका इस्तेमाल आतंकी समूह करते रहे हैं मगर टेलीग्राम के लिए आतंकी गतिविधियों को रोकने से अधिक अहम प्राइवेसी है.
  • NYT की जांच के मुताबिक इसकी प्राइवेसी फीचर्स अपराधियों, आतंकियों को आधिकारिक जांच से बचने में सक्षम बनाती हैं.
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दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार धमाके के संदिग्ध हमलावर उमर मोहम्मद मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर डॉक्टरों के एक उग्र समूह से जुड़ा हुआ था. टेलीग्राम पर इस उग्र समूह के डॉक्टर लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक उमर का संबंध पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद से भी है. सूत्रों के मुताबिक उमर जैश के मॉड्यूल का एक अहम सदस्य था और फरीदाबाद समेत अन्य जगहों पर अपने डॉक्टर साथियों की सोमवार को हुई गिरफ्तारी से घबराकर उसने लाल किला के पास कार ब्लास्ट को अंजाम दिया.

पूरी दुनिया में टेलीग्राम के 100 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं. यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी को लेकर बहुत सुरक्षित माने जाने वाले टेलीग्राम को पहले की हुई कई घटनाओं के मद्देनजर आतंकवाद, आपराधिक गतिविधियों, फेक न्यूज, बच्चों से जुड़ी पोर्नोग्राफी और नस्लवादी उकसावे वाले लोगों और समूहों के जुड़ाव का एप्लिकेशन भी माना जाता रहा है.

टेलीग्राम की शुरुआत 2013 में रूस में जन्मे अरबपति पावेल डुरोव और उनके भाई निकोलाई डुरोव ने की थी. बीते कुछ वर्षों के दौरान इस मैसेजिंग ऐप को आसानी से इस्तेमाल किए जाने की इसकी क्षमता में वृद्धि और इस पर की जा रही बातचीत को सुरक्षित मानने हुए दुनिया भर के लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई तो साथ ही बढ़ती गई इसे लेकर शिकायतें. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने इसे रूस पर हमले को लेकर अपने विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए तो हांगकांग में दमनकारी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इसका इस्तेमाल किया. वहीं बेलारूस में लोकतंत्र की समर्थक ताकतों ने चुनाव की धांधलियों के खिलाफ विरोध करने के लिए इसका रुख किया.

टेलीग्राम पर आतंकवाद

टेलीग्राम का इस्तेमाल चरमपंथ से जुड़े लोगों और समूहों ने भी बढ़ चढ़ कर किया ताकि वो एक बड़े जनसमूह तक अपनी बातों को पहुंचा सकें, अपनी ब्रांडिंग कर सकें और इसके जरिए अपनी विचारधारा से लोगों को जोड़ने में सक्षम हों.

इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूह और हमास, हिज्बुल्लाह जैसे उग्रवादी संगठनों ने इसी ऐप के जरिए नए सदस्यों की भर्ती, फंड इकट्ठा करना, हिंसा भड़काना, आतंकी गतिविधियों को निर्देश देना और कानूनी एजेंसियों से बचने के लिए आपस में बातें करने के लिए टेलीग्राम का रुख किया.

2015 में टेकक्रंच कॉन्फ्रेंस में जब इसी मसले को उठाया गया तो टेलीग्राम के फाउंडर पावेल दुरोव ने कहा, "(टेलीग्राम के लिए) आतंकी गतिविधियों जैसी बुरी घटनाओं के डर की तुलना में प्राइवेसी का अधिकार अधिक अहम है."  

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दो महीने बाद, इस्लामिक स्टेट ने फ्रांस की धरती पर अपना सबसे घातक आतंकवादी हमला किया, जिसमें 130 लोग मारे गए और 350 अन्य घायल हुए. जांच में फ्रांस के जांचकर्ताओं ने पाया कि समूह ने हमलों के लिए निर्देश देने और इस पूरी योजना में टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप का भी इस्तेमाल किया था.

Photo Credit: AFP

पेरिस में हुई उस आतंकी घटना के बाद टेलीग्राम ने अपने आधिकारिक पोजिशन में बदलाव करते हुए पब्लिक चैनल से आईएसआईएस के अकाउंट, बॉट्स और चैट्स को हटाने का वादा किया. उग्रवादी विचारधारा के बढ़ते खतरे पर काम कर रही एक गैर लाभकारी और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी संस्था काउंटर एक्सट्रीमिज्म प्रोजेक्ट (सीईपी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआईएस की प्रचार सामग्री टेलीग्राम पर फरवरी 2024 तक मौजूद थीं, हालांकि इस आतंकवादी संगठन की उपस्थिति बहुत कम देखी गई.

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इतना ही नहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स के हाल की एक जांच में पाया गया कि टेलीग्राम के प्राइवेसी फीचर्स अपराधियों और आतंकियों को बड़े पैमाने पर एकजुट होने और आधिकारिक जांच से बचने में सक्षम बनाती है.

Photo Credit: NDTV

टेलीग्राम की पॉलिसी आपराधिक गतिविधियों को देती हैं बढ़ावा?

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि उसने टेलीग्राम पर 16 हजार से अधिक चैनलों के 32 लाख से अधिक मैसेजों के विश्लेषण में पाया टेलीग्राम इसके जरिए चल रही उग्रवादी गतिविधियों को अलग तरीके से देखता है, इसके इस्तेमाल से अवैध और उग्रवादी गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की इस जांच में पाया गया कि श्वेत नस्लवाद से प्रेरित करीब 1500 चैनल धड़ल्ले से इस मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं कम से कम 22 चैनलों पर 20 से ज्यादा देशों में एमडीएमए, कोकीन, हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की डिलीवरी का प्रचार किया. 

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वहीं टेलीग्राम की प्राइवेसी पॉलिसी लॉ इनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ सहयोग करने को लेकर बहुत कड़े मानदंड अपनाती है. टेलीग्राम को शुरू करने में मदद करने वाले एक्सेल नेफ ने बताया कि कंपनी की कोर टीम में 60 कर्मचारी हैं, उनमें सिर्फ 30 इंजीनियर हैं जो इस ऐप पर आपराधिक गतिविधियों की निगरानी करने के लिए बहुत छोटी है.

उन्होंने फ्रंटलाइन से 2024 में कहा था, "अगर टेलीग्राम को कोर्ट का आदेश मिलता है जो इसकी पुष्टि करता है कि आप एक संदिग्ध आतंकी हैं तो हम उस शख्स या समूह का आईपी एड्रेस और फोन नंबर संबंधित अधिकारियों को बता सकते हैं. हालांकि ऐसा अब तक नहीं हुआ है."

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Photo Credit: AFP

टेलीग्राम का क्या है कहना?

2024 में फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में डुरोव ने खुद कहा था कि उनकी कंपनी सरकारी एजेंसियों से मांगी गई सूचनाओं की अनदेखी करती है क्योंकि "यह हमारे अभिव्यक्ति की आजादी और लोगों की प्राइवेट बातचीत की सुरक्षा के हमारे मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं." तब उन्होंने ये भी स्वीकार किया था कि 6 जनवरी 2021 को अमेरिका के कैपिटल हिल में हुए दंगों की जांच के दौरान टेलीग्राम ने अमेरिकी संसदीय समिति के साथ सहयोग करने से भी इनकार कर दिया था.

फ्रंटलाइन से टेलीग्राम के एक प्रवक्ता ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी अपने यूजर्स के बहुत कम डेटा स्टोर करती है और अधिकतर मामलों में टेलीग्राम को ये डेटा अधिकारियों को उपलब्ध कराना असंभव होता है.

उन्होंने ये भी बताया, "यूजर्स इसके प्लेटफॉर्म पर जिस कंटेंट को अवैध मानते हैं, उसे वो टेलीग्राम को रिपोर्ट कर सकते हैं. टेलीग्राम उनकी रिपोर्ट को अपनी सेवा के शर्तों के अनुसार ही प्रोसेस करता है."

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