- दलाई लामा ने पुष्टि की है कि पुनर्जन्म की परंपरा जारी रहेगी और केवल गैडेन फोडरंग ट्रस्ट को उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार होगा.
- चीन ने दलाई लामा के पुनर्जन्म को अपनी केंद्र सरकार की मंजूरी से जोड़ते हुए कहा है कि अगले दलाई लामा की पहचान स्वर्ण कलश के माध्यम से की जाएगी.
- चीन ने 1995 में दलाई लामा की पसंद के छह साल छोटे लड़के को हटाकर ग्यालत्सेन नोरबू को 11वें पंचेन लामा के रूप में नियुक्त किया था.
Dalai Lama Succession: तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चुनाव में चीन अपनी दखलअंदाजी बंद नहीं करेगा और उसने यह साफ किया है. अपने 90वें जन्मदिन के ठीक पहले दलाई लामा ने इस बात की पुष्टि कर दी है की दुनिया को अगला दलाई लामा मिलेगा. दलाई लामा के पुनर्जन्म की परंपरा जारी रहेगी और केवल भारत स्थित गैडेन फोडरंग ट्रस्ट के पास ही उनके उत्तराधिकारी को पहचानने और चुनने का एकमात्र अधिकार है. हालांकि इसके जवाब में, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दलाई लामा के पुनर्जन्म को चीन की केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होगी. चीन के पास मौजूद स्वर्ण कलश से ही अगले दलाई लामा की पर्ची निकलेगी.
खास बात यह है कि चीन ने आज से 30 साल पहले ही दलाई लामा की पसंद को दरकिनार करके एक युवा तिब्बती को तिब्बती बौद्ध धर्म में दूसरे सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता- पंचेन लामा के रूप में भी नियुक्त कर दिया था. ग्यालत्सेन नोरबू को 11वां पंचेन लामा बनाया गया था और उन्होंने इस धर्म को और अधिक चीनी बनाने का वादा कर रखा है. आपको यहां बताएंगे कि आखिर चीन ने जिस ग्यालत्सेन नोरबू को पंचेन लामा के पद पर बैठाया है, वो है कौन.
कौन हैं नए पंचेन लामा ग्यालत्सेन नोरबू?
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 1995 में दलाई लामा की पसंद के 6 साल छोटे लड़के को हटाकर ग्यालत्सेन नोरबू को 11वें पंचेन लामा के रूप में नियुक्त किया था. उस छह साल के लड़के का नाम गेधुन चोएक्यी न्यीमा था और पिछले 30 वर्षों में वो नहीं देखा गया है. ग्यालत्सेन नोरबू चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन हैं और जातीय तिब्बतियों के बीच उनका समर्थन नहीं है. उन्हें अक्सर चीन के सरकारी मीडिया में कम्युनिस्ट पार्टी की लाइन पर चलते हुए और तिब्बत में उसकी नीतियों की प्रशंसा करते हुए कोट किया जाता है.
हाल ही में, नोरबू ने चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ एक बैठक में भी भाग लिया, जहां उन्होंने जातीय एकता को बढ़ावा देने और "धर्म के चीनीकरण" को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने में अपना योगदान देने की कसम खाई.
CNN के अनुसार, नोरबू ने कथित तौर पर शी जिनपिंग की शिक्षाओं को दृढ़ता से ध्यान में रखने, पार्टी के नेतृत्व का दृढ़ता से समर्थन करने और राष्ट्रीय एकता और जातीय एकजुटता की दृढ़ता से रक्षा करने की भी कसम खाई है. रिपोर्ट के अनुसार, शी ने उनसे तिब्बती बौद्ध धर्म की "देशभक्ति और धार्मिक परंपराओं" को आगे बढ़ाने और "चीनी राष्ट्र के लिए समुदाय की एक मजबूत भावना" को बढ़ावा देने में योगदान देने के लिए कहा था.
बीजिंग द्वारा पंचेन लामा की विवादित नियुक्ति को विशेषज्ञों और तिब्बत के निर्वासित समुदाय द्वारा व्यापक रूप से दलाई लामा के निधन के बाद उनके पुनर्जन्म पर चीन के कंट्रोल के प्रयास के रूप में देखा जाता है. 14वें दलाई लामा 1959 में तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद भारत भाग गए थे.
चीन 14वें दलाई लामा को अलगाववादी मानता है और तिब्बती बौद्ध धर्म को अपने नियंत्रण में लाना चाहता है, लेकिन दलाई लामा और उनके विशाल अनुयायी उस महत्वाकांक्षा में बाधा बने हुए हैं. दलाई लामा ने कहा है कि उनके उत्तराधिकारी का जन्म "स्वतंत्र दुनिया" में होगा, जिसे उन्होंने चीन के बाहर बताया है. हालांकि, बीजिंग ने इस बात पर जोर दिया है कि वह उनके उत्तराधिकारी के साथ-साथ सभी तिब्बती बौद्ध लामाओं के पुनर्जन्म को भी चुनेगा.