पाकिस्तान (Pakistan) के अलग-्अलग हिस्सों में चीन (China) की भाषा मैंडरिन (mandarin) पढ़ाने वाले चीनी शिक्षकों को चीन ने वापस बुला लिया है. पाकिस्तान में हाल ही हुए घातक हमलों के मद्देनजर ये चीन के शिक्षक बीजिंग द्वारा वापस बुलाए जाने के बाद घर के लिए रवाना हो गए हैं. कराची विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. कुछ हफ्ते पहले बुर्का पहनकर आई बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने पाकिस्तान के प्रतिष्ठित कराची विश्वविद्यालय के अंदर एक वाहन के पास खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया. देश की वित्तीय राजधानी में चीनी नागरिकों के खिलाफ इस हमले में कन्फ्यूशियस संस्थान के प्रमुख और उनके स्थानीय चालक सहित तीन चीनी शिक्षकों की मौत हो गई.
प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) से संबद्ध मजीद ब्रिगेड ने चीन द्वारा निर्मित कन्फ्यूशियस संस्थान के पास शिक्षकों पर हुए हमले की 26 अप्रैल को जिम्मेदारी ली थी.
कराची विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि परिसर के कन्फ्यूशियस संस्थान में पढ़ाने वाले चीनी शिक्षक रविवार को घर के लिए रवाना हुए. उन्होंने कहा, ‘‘देश के विभिन्न संस्थानों में भी कई चीनी शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे थे और वे कल लौट गए.''
कराची विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस संस्थान के निदेशक डॉ. नासिर उद्दीन ने कहा कि चीनी शिक्षकों का वापस जाना मैंडरिन सीखने वाले छात्रों के लिए बड़ा झटका है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संस्थान में लगभग 500 छात्र हैं और अब हम उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं ताकि उनका पाठ्यक्रम पूरा हो सके.''
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न कन्फ्यूशियस संस्थानों के शिक्षकों को चीन की सरकार ने वापस बुला लिया है. नासिर उद्दीन ने कहा कि कन्फ्यूशियस संस्थान एक गैर-लाभकारी शैक्षणिक संस्था है जिसका उद्देश्य मैंडरिन की पढ़ाई, भाषा और चीनी संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय समझ को गहरा करना तथा चीन और पाकिस्तान के लोगों के आपसी संपर्क को बढ़ावा देना है.
बीएलए के 26 अप्रैल को आत्मघाती बम हमले में संस्थान के प्रमुख हुआंग गुइपिंग और दो अन्य चीनी शिक्षकों, चेन साई और डिंग मुपेंग की मौत हो गई थी, जबकि उनके स्थानीय वाहन चालक खालिद नवाज भी विस्फोट में मारे गए थे.
चीन सरकार ने पाकिस्तान में काम कर रहे अपने नागरिकों पर हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
बीएलए पाकिस्तान में विशेष रूप से अशांत बलूचिस्तान में चीन के निवेश का यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि इससे स्थानीय लोगों को लाभ नहीं हुआ है.