चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping को है दिमाग की गंभीर बीमारी 'Cerebral Aneurysm' : रिपोर्ट

पिछले कुछ वक्त से चीनी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर कई अटकलें लग रही हैं. खासकर, इस वजह से भी कि वो कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद बीजिंग विंटर ओलिंपिक तक किसी भी विदेशी नेता से मिलने से बचते रहे थे.

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शी जिनपिंग की सेहत को लेकर फिर लग रही हैं अटकलें. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बीजिंग:

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 'cerebral aneurysm' नाम की एक बीमारी से पीड़ित हैं और साल 2021 के अंत में उन्हें इसके चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ऐसी खबरें आई हैं. Cerebral Aneurysm या Brain Aneurysm मस्तिष्क की ऐसी बीमारी होती है, जिसमें ब्रेन के ब्लड वेसल या धमनियों में फुलाव आने लगता है, और इसमें खून भर जाता है. ये वेसल उभार या गोल गुब्बारे जैसे हो जाते हैं और इनके फूटने का खतरा पैदा हो जाता है. धमनियों में जहां ये स्पॉट बन जाते हैं, वहां धमनियां कमजोर हो जाती हैं और उनके फूटने का डर होता है.

ऐसा पता चला है कि उन्होंने सर्जरी के बजाय इलाज के लिए पारंपरिक चीनी दवाइयों को प्राथमिकता दी थी, जिससे धमनियां नरम पड़ जाती हैं और एन्युरिज्म कमजोर पड़ जाता है. बता दें कि पिछले कुछ वक्त से चीनी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर कई अटकलें लग रही हैं. खासकर, इस वजह से भी कि वो कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद बीजिंग विंटर ओलिंपिक तक किसी भी विदेशी नेता से मिलने से बचते रहे थे.

मार्च, 2019 के शुरुआत में, शी की इटली यात्रा के दौरान, उनकी चाल-ढाल में थोड़ा फर्क दिखा था, ऐसा नोटिस किया गया था कि वो चलते वक्त हल्का सा लंगड़ाकर चल रहे थे. वहीं उसी यात्रा के दूसरे चरण में फ्रांस में देखा गया कि वो बैठते वक्त सहारा ले रहे थे. इसके बाद अक्टूबर, 2020 में शेन्झेन में एक जनसभा में उनकी मौजूदगी के बाद फिर से उनकी खराब सेहत को लेकर अनुमान लगाए जाने लगे. इस सभा में जिनपिंग देरी से पहुंचे थे, काफी धीमे भाषण दे रहे थे, वहीं उन्हें लगातार खांसी आ रही थी.

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ये खबरें तब आ रही हैं जब चीन की अर्थव्यवस्था जहां सख्त से सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के चलते प्रभावित हो रही है, वहीं यूक्रेन संकट की वजह से तेल और गैस की बढ़ती कीमतों और सप्लाई चेन में बाधा पड़ने का दंश सह रही है.

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शी जिनपिंग तीसरी बार सत्ता में आकर इतिहास बनाना चाह रहे हैं. इस साल जहां वो पांच सालों के लिए सत्ता में तीसरी बार आने की तैयारी कर रहे हैं, और यह दिखाना चाहते हैं कि उनके शासन में चीन और समृद्ध, प्रभावशाली और स्थिर बन गया है. 

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इस बीच उनकी सरकार ने 'समान समृद्धि' जैसे कॉन्सेप्ट पर फोकस करने को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. दिग्गज टेक कंपनियों पर जुर्माना लगाना बंद कर दिया है. और दबाव में चल रही अर्थव्यवस्था को किसी भी तरह स्थिर करने के लिए जूझ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आगामी 20वीं पार्टी कांग्रेस के पहले, रणनीति के साथ 'समान समृद्धि' नीति से धीरे-धीरे दूर जा रही है. दरअसल, चीन इस धीमी आर्थिक वृद्धि के बीच निवेशकों के बीच अपनी चमक नहीं खोना चाहता है. 

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