"काश मैं आदमी होती", फ्रेंच ओपन (French Open) में अपनी जीत की दावेदारी को बीच खेल में महावारी के दर्द के कारण छोड़ने की मजबूरी पर चीन की 19 साल की खिलाड़ी झेंग किनवेन (Zheng Qinwen) ने यह कहा. वह सोमवार को वर्ल्ड नंबर वन इगा स्विआटेक ( Iga Swiatek) के खिलाफ खेल रहीं थीं. चीनी खिलाड़ी ने झेंग ने को शॉक फ्रेंच ओपन के दौरान दर्द के बीच बीच खेल से हटना पड़ा. इस कारण उन्हें कहना पड़ा कि "काश मैं आदमी बन पाती." झेंग ने अपने पहले मुकाबले में खेलते हुए तेजी से पहली पारी में 6-7 की बढ़त बनाई थी. लेकिन फिर वह अपने आखिरी-16 टाई में 6-0, 6-2 से हार गईं. वर्ल्ड नंबर 74 को दूसरे सेट में दांए पैर में लगी चोट के कारण मेडिकल टाइमआउट लेना पड़ा. लेकिन उन्होंने बताया कि यह उनकी बड़ी चिंता नहीं थी.
झेंग ने कहा, " यह लड़कियों की परेशानी के कारण हुआ. पहला दिन हमेशा इतना मुश्किल होता है और फिर मुझे खेलना था. हमेशा की तरह पहले दिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था."
"मैं अपनी प्रकृति के खिलाफ नहीं जा सकता." मैं उम्मीद करती हूं कि मैं एक आदमी हो सकती और मुझे इस दर्द से नहीं गुजरना पड़ता . यह बहुत मुश्किल है."
एक 82 मिनट के ओपनिंग सेट में, झेंग ने पहले सेट के पांच प्वाइंट बचाए फिर अपने दो बनाए और फिर एक टाइबैक में पहले 2/5 से विश्व नंबर एक के सामने बढ़त बनाई. यह पहली बार था जब स्विआटेक ने अप्रेल 23 के बाद पहली बार कोई सेट हारा था.
जैसे ही 2020 की रोनाल्ड गैरोस चैंपियन की ताकत फीकी पड़ने लगी, झेंग को 0-3 पर सेंकेंड सेट के दौरान मेडिकल टाइमआउट लेना पड़ा.
झेंग ने 2018 की चैंपियन सिमोना हालेप को अपने चौथे राउंड में हराया था. और फिर तुरंत सीधी जांघ पर पट्टियां बांधे लौटीं.
वहीं स्विआटेक को निर्णायक मैच में डबल ब्रेक मिला था जबकि तब तक झेंग थक चुकीं थीं.
झेंग ने कहा, " पैर के दर्द ने मुश्किल कर दिया था लेकिन पेट के दर्द के आगे वो आसान था, मैं अपना टैनिस नहीं खेल सकी क्योंकि पेट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. मैं मैदान पर अपना बेहतर प्रदर्शन करती हूं, लेकिन यह मुश्किल है."
वहीं स्विआटेक ने लगातार तीसरे साल क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद कहा, "झेंग ने शानदार टैनिस खेला, मैं उसके कुछ शॉट्स देख कर दंग रह गई. ".