कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर चर्चा में रहे चीन का वुहान लैब एक बार फिर चर्चा में है. प्रोविडेंस की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ओर से वुहान लैब की निगरानी के लिए सेना के एक जनरल की नियुक्ति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि शी, वायरस के उत्पत्तिस्थल को लेकर कभी भी पारदर्शी (Transparent) नहीं थे. चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) मीडिया ने एक फर्जी स्विस वायरोलॉजिस्ट का हवाला दिया था जबकि एक अन्य घटना में एक चीनी जर्नलिस्ट को वुहान लॉकडाउन की खबर के लिए जेल में डाल दिया था.
कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन ने अपनी लैब्स की जांच के WHO के प्रस्ताव को किया खारिज
यह स्पष्ट है कि दुनिया को चीन की जांच करने की जरूरत है. ऑस्ट्रेलिया की ओर से कोविड की उत्पत्ति की ओर से स्वतंत्र जांच की मांग किए जाने के बाद चीन ने कैनबरा के साथ 'ट्रेडवार' शुरू कर दिया था. चीन के वुहान में कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद दो वर्ष हो चुके हैं लेकिन कोरोनावायरस की उत्पत्ति कैसे हुई, इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा सकता. कोरोना महामारी के चलते काफी लोगों को जान गंवानी पड़ी और आर्थिक और सामाजिक नुकसान भी झेलना पड़ा. फरवरी 2020 के आसपास जब वुहान से दुनिया के दूसरे हिस्सों में कोरोना मामले बढ़ने लगे थे, CCP ने एक आदेश जारी करके कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर किसी भी तरह के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी. हालांकि यह एक तथ्य है कि लैब लीक की घटनाएं होती हैं और देश ऐसी घटनाओं के बारे में जानकारी देते हैं. दिसंबर 2021 में ताईवान ने आधिकारिक तौर पर SARS-COV-2 लैब लीक के बारे में पुष्टि की थी.