तियानमेन चौक पर जमा भीड़ पर क्यों नहीं चलाई गोली? चीनी सेना के अफसर का VIDEO कोर्ट मार्शल के 35 साल बाद लीक

Tiananmen Square Massacre: तियानमेन चौक का नरसंहार दुनिया के सबसे खूनी घटना में से एक है, जिसमें सरकार ने अपने ही छात्रों को मौत के घाट उतारा था. रेड क्रॉस का अनुमान है कि मौत की संख्या 2,600 के करीब है.

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कोर्ट मार्शल में बैठे जनरल जू किनक्सियन
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  • जनरल जू किनक्सियन ने 1989 में तियानमेन चौक पर छात्रों के खिलाफ सेना भेजने के आदेश को मानने से इनकार किया था
  • तियानमेन नरसंहार में चीनी सरकार के मुताबिक 241 लोग मरे, जबकि रेड क्रॉस ने मृतकों की संख्या करीब 2600 बताई थी
  • 1990 में जनरल जू का कोर्ट-मार्शल हुआ और उसका वीडियो अब लीक हो गया है
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जब चीन के शासकों ने 1989 में बीजिंग में लोकतंत्र की आवाज उठाते छात्रों पर गोली और टैंक चलाने का आदेश हजारों सैनिकों को दिया था, तब एक कमांडर ऐसा भी था जिसने आदेश को मानने से इनकार कर दिया था. उनका नाम था जनरल जू किनक्सियन. उन्होंने बीजिंग के तियानमेन चौक पर सेना द्वारा प्रदर्शनकारियों को हटाने में मदद करने के लिए अपने सैनिकों को राजधानी में ले जाने से इनकार कर दिया. अब, उस कमांडर के गुप्त कोर्ट-मार्शल का एक वीडियो लीक हो गया है.

तियानमेन चौक का नरसंहार दुनिया के सबसे खूनी घटना में से एक है जिसमें सरकार ने अपने ही छात्रों को मौत के घाट उतारा था. चीनी सरकार का दावा है कि इस नरसंहार में सैनिकों सहित केवल 241 लोग मारे गए. हालाँकि रेड क्रॉस का अनुमान है कि मौत की संख्या 2,600 के करीब है.

बहादुर कमांडर के कोर्ट-मार्शल में क्या दिखा?

तियानमेन चौक नरसंहार के एक साल बाद यानी 1990 में हुई कोर्ट-मार्शल की सुनवाई हुई. इस फुटेज में जनरल जू बताते सुने गए हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत विवेक और पेशेवर निर्णय के आधार पर आदेश को मानने से अस्वीकार कर दिया था. उन्होंने जजों से कहा कि नागरिकों के खिलाफ हथियारबंद सेना भेजने से अराजकता और रक्तपात होता. उन्होंने कहा कि जो कमांडर मार्शल लॉ का खराब तरीके से पालन करेगा, उसे "इतिहास में पापी" के रूप में जाना जाएगा.


  
जनरल जू की कहानी भी प्रेरणा देने वाली है. जनरल जू ने छोटे दुकानदार के परिवार से निकलकर 38वीं ग्रुप आर्मी की कमान संभाली थी, जो सेना की सबसे प्रतिष्ठित इकाइयों में से एक है. लेकिन 1990 में उनके कोर्ट-मार्शल के समय उनसे उनकी कमान छीन ली गई थी, उन पर मार्शल लॉ के आदेशों की अवज्ञा करने का आरोप लगाया गया था.

कोर्ट मार्शल के सामने आए छह घंटे के वीडियो में जनरल जू को सादे नागरिक कपड़ों में, तीन सैनिकों की निगरानी में कोर्ट रूम में प्रवेश करते हुए दिखे. वहां कोई जनता नहीं केवल 3 सैन्य जज थे. यहां जनरल जू ने दया की भीख नहीं मांगी. इसके बजाय, उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि उन्होंने आदेश मानने से इनकार क्यों किया. जनरल जू को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी और 2021 में 85 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई. 2011 में, उन्होंने हांगकांग के एक अखबार से कहा कि उन्हें अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है.

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