अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पनामा नहर को वापस लेने की धमकी के बाद चीन ने अरबों डॉलर के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (बीआरआई) से पनामा के बाहर निकलने के लिए अपने देश में तैनात उसके राजदूत को तलब किया है. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सहायक विदेश मंत्री झाओ झियुआन ने शुक्रवार को बीआरआई पर चीन के साथ सहयोग पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) को नवीनीकृत नहीं करने के पनामा के फैसले पर राजदूत मिगुएल हम्बर्टो लेकारो बार्सेनास को तलब किया.
झाओ ने कहा, पनामा ने हाल ही में बीआरआई पर एमओयू को समाप्त करने की घोषणा की, जिस पर चीनी पक्ष ने गहरा खेद व्यक्त किया. झाओ ने कहा कि बीआरआई के ढांचे के तहत, चीन और पनामा के बीच विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग तेजी से विकसित हुआ है और कई उपयोगी परिणाम प्राप्त हुए हैं, जिससे पनामा और उसके लोगों को ठोस लाभ हुआ है.
मंत्री ने कहा कि 150 से अधिक देश बीआरआई में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं जिसकी उपलब्धियों से पनामा सहित विभिन्न देशों के लोगों को लाभ हुआ है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बीआरआई पहल के तहत चीन ने ऋण देकर प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण के लिए दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारी निवेश किया है.
बीआरआई परियोजनाओं की ऋण जाल में फंसाने को लेकर आलोचना हुई क्योंकि कई देशों को चीनी ऋण चुकाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. झाओ ने कहा, ‘‘बीआरआई से जुड़ी प्रगति को उलटने और चीन तथा पनामा के लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ जाने का कोई भी प्रयास पनामा के महत्वपूर्ण हितों के अनुरूप नहीं है.''
झाओ ने कहा कि अमेरिका द्वारा चीन-पनामा संबंधों को कमजोर करने और दबाव तथा धमकियों के माध्यम से बीआरआई के तहत सहयोग को बदनाम करने का चीन दृढ़ता से विरोध करता है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसके पहले पनामा की अपनी यात्रा के दौरान पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलीनो को चेतावनी दी थी कि अगर पनामा नहर पर चीन के प्रभाव और नियंत्रण को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो अमेरिका ‘आवश्यक कदम' उठाएगा. मुलीनो ने बृहस्पतिवार को पनामा के चीनी परियोजना से बाहर निकलने की घोषणा की.