चीन- पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने काबुल में बैठकर कौन सी खिचड़ी पकाई?

चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच हुई यह त्रिपक्षीय बैठक इसलिए खास थी क्योंकि 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद यह पहली बार काबुल में हुई है.

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  • काबुल में अफगानिस्तान, चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक हुई.
  • चीन और पाकिस्तान ने अफगान तालिबान को आर्थिक मदद और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के विस्तार का प्रस्ताव दिया.
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान पर आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं का पालन न करने पर नाराजगी जताई.
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चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तिकड़ी काबुल में एक साथ बैठी है. कमाल बात यह है कि जिस अफगानिस्तान को तालिबान चला रहा है, जो पाकिस्तान खुद आतंकवाद का सेफजोन है, वो दोनों चीन के साथ बैठकर आतंकवाद पर चर्चा कर रहे थे. काबुल में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ बुधवार, 20 अगस्त को तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की छठी बैठक की.

तीनों के बीच क्या खिचड़ी पकी?

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान और चीन ने इस बैठक में अफगानिस्तान के तालिबान अधिकारियों पर आर्थिक सहयोग और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के विस्तार की पेशकश को दोहराते हुए उनकी सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला.

यह बैठक इसलिए खास थी क्योंकि 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद यह त्रिपक्षीय बैठक पहली बार काबुल में हुई है. बैठक के दौरान विदेश मंत्रियों ने पिछली बैठकों में लिए गए फैसलों की समीक्षा की और तीनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में अफगान विदेश मंत्रालय ने लिखा, ''आज अफगानिस्तान, चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की छठी वार्ता बैठक काबुल में हुई… इस बैठक में पिछली बैठकों के फैसलों की समीक्षा के साथ-साथ तीनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और पारगमन क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया."

इससे पहले दिन में, अफगान विदेश मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. यानी बिना पाकिस्तान के बैठक हुई. बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर चर्चा हुई. अफगान विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगतिशील बताया और चीन को अफगानिस्तान के लिए एक अच्छा व्यापारिक भागीदार माना. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार आदान-प्रदान एक अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

इसके अलावा अफगान विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के मोहम्मद इशाक डार के साथ भी अलग से द्विपक्षीय बैठक की. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इसमें भी सुरक्षा का मुद्दा हावी रहा.

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क्या अफगानिस्तान से खुश नहीं चीन और पाकिस्तान

पिछली बार मई में ऐसी त्रिपक्षीय बैठक हुई थी जिसमें चीन ने मध्यस्थता की थी. तब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से वादा लिया था कि वह सुरक्षा के मुद्दे पर बहुत अच्छे से कॉर्डिनेशन करेगा. वहीं चीन ने मेस अयनाक तांबे की खदान सहित भविष्य की आर्थिक परियोजनाओं को शिनजियांग के पास सक्रिय अलगाववादी समूह ईटीआईएम के खिलाफ कार्रवाई का वादा लिया था.
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अफगान विदेश मंत्री के साथ बात करते हुए इस बात पर खेद व्यक्त किया कि अफगानिस्तान आतंकवाद विरोधी वादों का सम्मान नहीं कर रहा है.

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