ट्रंप ₹88 लाख में H-1B वीजा बेच रहे तो चीन ले आया 'K वीजा', भारत के टैलेंट को लुभा रहा ड्रैगन?

चीन ने साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में युवा टैलेंट्स को लुभाकर अपने यहां लाने के लिए एक नई वीजा कैटेगरी की घोषणा कर दी है. चीन अपने मौजूदा वीजा कैटेगरी में 'K Visa' जोड़ रहा है.

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अमेरिका को बाहरी लोग नहीं चाहिए? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी वर्कर्स के लिए काम में आने वाले H- 1B वीजा के लिए 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपए) की फीस तय करके ठीक यही मैसेज दिया है. अमेरिका के इस फैसल ने घबराहट और भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है और चीन ने इसे आपदा में अवसर का मौका बना लिया है. अब चीन ने साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में युवा टैलेंट को लुभाकर अपने यहां लाने के लिए एक नई वीजा कैटेगरी की घोषणा कर दी है. चीन अपने मौजूदा वीजा कैटेगरी में 'K Visa' जोड़ रहा है, जो योग्य युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी पेशेवरों (प्रोफेशनल्स) के लिए उपलब्ध है.

अमेरिका के H- 1B वीजा को सबसे बड़े पैमाने पर भारत के पेशेवरों द्वारा इस्तेमाल किया जाता था. अब जब ट्रंप ने इस वीजा की फीस को हद से ज्यादा महंगा बना दिया है, चीन उन्हें अपनी तरफ करने की कोशिश करता दिख रहा है.

चीन के प्रधान मंत्री ली कियांग ने विदेशियों के आने-जाने से जुड़े रेगुलेशन में संशोधन के निर्णय को लागू करने के लिए एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए हैं. न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नए नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगे.

चीन के K Visa के लिए शर्त क्या हैं?

चीन अभी मौजूदा वक्त में 12 सामान्य वीजा जारी करता है. इन के प्रकारों की तुलना में, K वीज़ा धारकों को अनुमति वाली एंट्री की संख्या, वीजा की वैधता अवधि (वैलिडिटी पीरियड) और रहने की अवधि के मामले में अधिक सुविधा प्रदान करेगा.

चीन में आने के बाद, K Visa रखने वालों को शिक्षा, संस्कृति और विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ एंटरप्रेन्योरशिप और व्यावसायिक गतिविधियों में किसी में आने जाने, फिल्ड बदलने की अनुमति दी जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वीजा के लिए आवेदकों को संबंधित चीनी अधिकारियों द्वारा निर्धारित योग्यताओं और आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, अपनी बात साबित करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे.

इसमें उम्र, पढ़ाई का बैग्राउंड और वर्क एक्सपीरियंस की शर्त होगी. खास बात है कि वीजा पाने के लिए जब आवेदन किया जाएगा तो आपको चीन की कंपनी (जो आपको नौकरी पर रख रही है) की ओर से किसी निमंत्रण (इनविटेशन) जारी करने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही इसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी अधिक सुव्यवस्थित होगी.

चीन क्या चाहता है?

चीन की सरकार ने एक बयान में कहा कि देश के विकास के लिए दुनिया भर की प्रतिभाओं की भागीदारी की आवश्यकता है और चीन का विकास उनके लिए अवसर भी प्रदान करता है. रिपोर्ट के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य नए युग में चीन की वर्कफोर्स के विकास की रणनीति को और अधिक लागू करना, चीन में विदेशी युवा विज्ञान-तकनीकी प्रतिभाओं के आने के लिए सुविधा प्रदान करना और युवा विज्ञान-तकनीकी पेशेवरों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है.

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