ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ग्लासगो में सोमवार को हो रहे वर्ल्ड लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जलवायु प्रतिबद्धताओं की प्रशंसा की है. समिट में शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करना और 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से भारत की आधी ऊर्जा की सोर्सिंग शामिल है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड लीडर्स समिट में पहली बार भारत के शुद्ध शून्य लक्ष्य को प्राप्त करने की घोषणा की है. उन्होंने भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य देते हुए कहा- ‘‘हमारा लक्ष्य 2070 तक देश की ऊर्जा खपत को संतुलित करना है.'' बोरिस जॉनसन ने शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने और 2030 तक भारत की आधी ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जलवायु प्रतिबद्धताओं का स्वागत किया है.
मोदी ने राष्ट्रीय प्रतिबंध योगदान (एनडीसी) के अंतर्गत गैर जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को 450 गीगा वाट से बढ़ाकर 500 गीगा वाट करने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘भारत 500 गीगा वाट गैर जीवाश्म ईंधन क्षमता 2030 तक हासिल करेगा, साथ ही भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करेगा. अनुमान है कि भारत अब से 2030 के बीच कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करेगा. जिसके बाद कार्बन की गहनता में 45 प्रतिशत तक कटौती हो जायेगी और 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करेगा.'' मोदी ने स्पष्ट किया कि, ‘‘ये पांच संकल्प जलवायु कार्रवाई के लिए भारत का अभूतपूर्व योगदान होगा.''
बोरिस जॉनसन ने सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन में मोदी के संबोधन के बाद ट्विटर पर कहा, ‘‘भारत ने 2030 तक अपनी आधी ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा सेप्राप्त करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है. जलवायु परिवर्तन पर योगदान की दिशा में इससे कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी आएगी.'' ये पहली बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने का इरादा व्यक्त किया है, जिसका मकसद दुनिया की 90 प्रतिशत अर्थव्यवस्था अब इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है. बोरिस जॉनसन ने ये भी स्पष्ट किया कि यूनाइटेड किंगडम स्वच्छ हरित पहल के माध्यम से और भी अधिक प्रगति करने के लिए भारत का साथ देगा.