फ़िलिस्तीनी संगठन हमास के हमले में 17 ब्रिटिश नागरिक लापता हैं या को उनकी मौत हो गई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बीबीसी के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. गौरतलब है कि हमास की तरफ से इजरायल (Israel) पर अचानक किए गए हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. घटना के बाद इज़राइली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फिलिस्तीनी क्षेत्र में खाना पानी और गैस की सप्लाई बंद कर दी है. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin netanyahu) ने कहा है कि युद्ध शुरू भले ही हमास ने किया था लेकिन इसे खत्म हम करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने हमास के ठिकानों को मलबे में तब्दील कर देने की कसम खाई है.उनका कहना है कि हमास को वह मिट्टी में मिला देंगे.
कई देशों के नागरिक हैं लापता
दुनिया के कई देशों के नागरिक हमले के दौरान इजरायल में मौजूद थे. घटना के बाद फ्रांस, जर्मनी अमेरिका ने अपने नागरिकों के लापता होने की पुष्टि की है. कई पश्चिमी देशों ने घटना की निंदा करते हुए इजरायल को हर तरह की मदद का भरोसा दिया है. एक अमेरिकी अधिकारी ने रविवार को खुलासा किया था कि हमास द्वारा इजरायल पर अप्रत्याशित भूमि, समुद्र और हवाई हमले में कई अमेरिकियों की मौत हो गई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हमास के बढ़ते हमलों के सामने वाशिंगटन के "अटूट" समर्थन को दर्शाते हुए, इजराइल में अमेरिकी जहाजों और युद्धक विमानों की तैनाती का आदेश दिया.
हमास क्या है?
हमास एक फिलिस्तीनी आतंकी समूह है, जिसकी स्थापना 1987 में पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा या विद्रोह के दौरान हुई थी. इसका मकसद फिलिस्तीन में इस्लामिक राज्य स्थापित करना है. इस विद्रोही समूह की स्थापना सेख अहमद यासीन ने की थी. 12 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर रहने वाले अहमद यासीन ने साल 1987 में इजराइल के खिलाफ पहले इंतिफादा का ऐलान किया था. इंतिफादा का मतलब बगावत करना या विद्रोह करना होता है. इस फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह को ईरान का समर्थन प्राप्त है.
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