भारत युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थक : BRICS समिट में PM मोदी ने फिर दोहराई शांति की बात

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है. इस संदर्भ में हमारा नजरिया पीपुल सेंट्रिक रहना चाहिए. हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है."

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स समिट में संबोधन के दौरान UPI पेमेंट्स को भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि बताया.
कजान:

रूस के कजान शहर में बुधवार को 16वें BRICS समिट की क्लोज प्लेनरी (बंद कमरे) मीटिंग हुई. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात रखी. PM मोदी ने एक बार फिर से आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर दोहरे रवैये की कोई जगह नहीं है. PM मोदी ने कहा कि BRICS देशों को साथ आकर इससे लड़ना होगा. उन्होंने UNSC में सुधार की बात भी दोहराई.

रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास की जंग का जिक्र करते हुए PM मोदी ने कहा, "हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं. जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं."

समाधान बातचीत से हो... यूक्रेन युद्ध पर PM मोदी ने पुतिन के सामने फिर दोहराई शांति की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज हम पहली बार एक्टेंडेड ब्रिक्स फैमिली के रूप में मिल रहे हैं. ब्रिक्स परिवार से जुड़े सभी नए सदस्यों और साथियों का भारत स्वागत करता है. पिछले एक साल में रूस की सफल अध्यक्षता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का शुक्रिया भी अदा करता हूं."

विश्व युद्धों के साथ कई चुनौतियों से घिरा
मोदी ने कहा, "हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरा हुआ है. विश्व में नार्थ-साउथ और ईस्ट-वेस्ट विभाजन की बात हो रही है." उन्होंने कहा कि महंगाई की रोकथाम, फूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, वॉटर सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं. साथ ही टेक्नोलॉजी के युग में साइबर सिक्योरिटी, डीप फेक, डिसइंफॉर्मेशन जैसी नई चुनौतियां बन गई हैं. ऐसे में, ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं."

Advertisement

ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह 
प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है. इस संदर्भ में हमारा नजरिया पीपुल सेंट्रिक रहना चाहिए. हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है."

Advertisement

BRICS में कैसे बढ़ता गया भारत का दबदबा? समिट के एजेंडे में क्या-क्या? ब्रिक्स करेंसी आई तो किन क्षेत्रों पर असर?

Advertisement

टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आतंकवाद और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा. ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है. हमारे देशों के युवाओं में रैडिकलाइजेशन (Radicalization) को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए. संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के पेंडिंग मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा." मोदी ने कहा, "हमें साइबर सिक्योरिटी, सेफ और सिक्योर AI के लिए ग्लोबल रेगुलेशन के लिए काम करना चाहिए."

Advertisement

भारत ब्रिक्स के नए सदस्यों का करता है स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान ब्रिक्स के नए सदस्यों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "भारत नए देशों का BRICS पार्टनर देश के रूप में स्वागत करता है. इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से होने चाहिए. BRICS के संस्थापक देशों के विचारों का सम्मान करना चाहिए. जोहानेसबर्ग समिट में जो दिशा-निर्देश, नियम-कायदे और प्रक्रिया को हमने अपनाया था, उनका पालन सभी सदस्य और पार्टनर देशों को करना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ब्रिक्स ऐसा संगठन है, जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छा-शक्ति रखता है. हमें अपना उदाहरण पूरे विश्व के सामने रखते हुए ग्लोबल इंस्टीट्यूशन में सुधार के लिए एकमत होकर आवाज़ उठानी चाहिए."

UNSC में रिफॉर्म की जरूरत
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमें यूएन सिक्योरिटी काउंसिल, मल्टीलैटरल डेवलपमेंट बैंकों, WTO जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल इंस्टीट्यूशन में रिफॉर्म नहीं, बल्कि उन्हें रिप्लेस करना चाहते हैं."

रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र, शांति की अपील... जब पुतिन से मिले पीएम मोदी, 10 पॉइंट्स में जानें और क्या-क्या हुआ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए. वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ और अपनी G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर रखा है."

BRICS करता है करीब 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व
PM मोदी ने कहा, "BRICS नए स्वरूप में विश्व की 40% मानवता और करीब 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है. पिछले 2 दशक में संगठन ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. नए स्वरूप में BRICS 30 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा की इकोनॉमी है. यह सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है."

UPI पेमेंट्स भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्‍ध‍ि
PM मोदी ने कहा कि UPI पेमेंट्स भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्‍ध‍ि है. भारत, BRICS देशों के साथ UPI सिस्टम शेयर करने के लिए तैयार है. दूसरे देशों ने भी इसे अपनाया है. उन्होंने मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़़ने के लिए BRICS देशों को न्योता दिया.

5 साल बाद PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात, पूरी दुनिया के लिए क्यों है खास?

ब्रिक्स स्पिरीट को आगे बढ़ाना जरूरी
मोदी ने कहा, "विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना BRICS समूह, आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है. हमारी विविधता, एक दूसरे के प्रति सम्मान और सर्वसम्मति से आगे बढ़ने की परंपरा, हमारे सहयोग का आधार हैं. हमारी यह गुणवत्ता और ‘ब्रिक्स स्पिरीट' अन्य देशों को भी इस फोरम की ओर आकर्षित कर रही है. हमें इस स्पिरीट को आगे बढ़ाना होगा. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भी, हम सब मिलकर इस यूनिक प्लेटफार्म को संवाद, सहयोग और समन्वय का उदाहरण बनाएंगे. इस संदर्भ में BRICS के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत अपने दायित्वों का हमेशा निर्वाहन करता रहेगा."

ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं की सेंट पीटर्सबर्ग में 2006 में हुई बैठक के बाद एक औपचारिक समूह के रूप में ‘ब्रिक' की शुरुआत हुई. ‘ब्रिक' को 2010 में दक्षिण अफ्रीका को शामिल करते हुए ‘ब्रिक्स' के रूप में विस्तारित करने पर सहमति बनी. पिछले साल समूह का विस्तार किया गया, जो 2010 के बाद पहली ऐसी कवायद थी. ब्रिक्स के नए सदस्य देशों में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

Featured Video Of The Day
Gadgets 360 with Tech Guruji: क्या आप दुनिया के पानी से चलने वाले कंप्यूटर के बारे में जानते हैं?
Topics mentioned in this article