भारतीय एजेंसियों को मिली बड़ी कामयाबी, खालिस्तानी समर्थक मनप्रीत को फिलीपींस में किया गया गिरफ्तार 

सूत्रों के अनुसार मनप्रीत के इशारे पर पंजाब में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया है. पुलिस से बचने के लिए मनप्रीत बीते लंबे समय से फिलीपींस में रह रहा था.

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प्रतीकात्म चित्र
नई दिल्ली:

खालिस्तान समर्थक अर्श डल्ला के करीबी मानें जा रहे मनप्रीत को फिलीपींस पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मनप्रीत को जल्द ही डिपोर्ट करके भारत लाया जाएगा. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मनप्रीत खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़ा हुआ है. मनप्रीत के भारत आते ही NIA उसे दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार करेगी. मनप्रीत फिलीपींस में  बैठकर अर्श डल्ला का सारा ऑपरेशन  संभाल रहा था. मिल रही जानकारी के अनुसार मनप्रीत के इशारे पर पंजाब में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया है. पुलिस से बचने के लिए मनप्रीत बीते लंबे समय से फिलीपींस में रह रहा था. भारत ने इंटरपोल,सेंट्रल एजेंसी और इंटरनेशनल एजेंसी की मदद से मनप्रीत को गिरफ्तार कवाया है. मनप्रीत को अगले कुछ दिनों में फिलीपींस से भारत लाया जा सकता है. 

कुछ दिन पहले अमृतपाल भी हुआ था गिरफ्तार

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पंजाब पुलिस को उस समय एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी थी जब खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने आत्मसमर्पण किया था. आत्मसमर्पण किए जाने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. पुलिस अमृतपाल की बीते करीब डेढ़ महीने से तलाश कर रही थी. अमृतपाल से पहले उसके कई साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था. 

अमृतपाल से IB और रॉ करेगी पूछताछ

अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद अब देश की प्रमुख एजेंसियां उससे पूछताछ करने की तैयारी में है. मिल रही जानकारी के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालिटिकल विंग (RAW) जल्द ही अमृतपाल से पूछताछ कर सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि अमृतपाल को डिब्रूगढ़ की जेल में एक अलग सेल में रखा गया है. इसी जेल में अमृतपाल के कुछ अन्य साथियों को भी रखा गया है. अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल से आईबी, रॉ समेत देश की कई एजेंसियां पूछताछ कर सकती हैं. इस पूछताछ के दौरान उन लोगों को मिलने वाली फंडिंग और उनके समर्थकों के बारे में भी सवाल पूछा जा सकता है.  

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जेल की सुरक्षा और बढ़ाई जाएगी

उन्होंने ने बताया कि असम पुलिस को डिब्रूगढ़ जेल समेत आसपास की सुरक्षा को और पुख्ता करने को कहा गया है. साथ ही जेल में कैदियों से मिलने आने वाले लोगों की भी सही से जांच करने और उनका ब्योरा रखने के निर्देश दिए गए हैं. इन सबके अलावा अगर जरूरत महसूस हुई तो सीएपीएफ के जवानों की भी तैनाती की जा सकती है. 

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