पाकिस्तान ने गणतंत्र दिवस से पहले रिहा किए 20 भारतीय, 568 मछुआरे अब भी पाकिस्तानी क़ैद में

रिहा किए गए इन मछुआरों को पाकिस्तानी सीमा में अवैध रूप से घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सामाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन ‘ईधी फाउंडेशन’ ने सड़क मार्ग से लाहौर तक पहुंचाया.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
वाघा बॉर्डर से भारत वापस आएंगे पाकिस्तान द्वारा रिहा किए गए 20 मछुआरे (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) की समुद्री सीमा में कथित रूप से प्रवेश करने के कारण गिरफ्तार किए गए 20 भारतीय मछुआरों (Indian Fishermen) को पाकिस्तान सोमवार को वाघा बॉर्डर (Wagah Border) के जरिए भारत को सौंपेगा. पाकिस्तान के एक वरिष्ठ कारागार अधिकारी ने यह जानकारी दी. कराची की लांडी जेल में रखे गए मछुआरों को मानवीय आधार पर भारत के गणतंत्र दिवस से पहले रविवार को रिहा कर दिया गया. रिहा किए गए इन मछुआरों को पाकिस्तानी जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने और बिना अनुमति मछलियां पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सामाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन ‘ईधी फाउंडेशन' ने सड़क मार्ग से लाहौर तक पहुंचाया.

पाकिस्तान की जेल में चार साल तक रहे मछुआरे भावेश भीका ने कहा कि वह जिस नौका पर सवार था, वह रात में बहकर पाकिस्तानी जलक्षेत्र में आ गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि हमने आपकी सीमा का उल्लंघन किया है.''

यह भी पढ़ें: ‘बजरंगी भाईजान' में इस बच्ची को पाकिस्तान छोड़ने गए थे सलमान, अब ‘मुन्नी' की ताजा PHOTO देख फैन्स बोले- ये तो बड़ी हो गई!

Advertisement

पाकिस्तान और भारत समुद्री सीमा के उल्लंघन के कारण एक दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं.

‘डॉन' समाचार पत्र के अनुसार, पुलिस उपाधीक्षक अजीम थेबो ने बताया कि सद्भावना के तहत इन 20 भारतीय मछुआरों की रिहाई के बाद इस जेल में अब 568 भारतीय मछुआरे हैं.

Advertisement

भारत और पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया था, जिसके अनुसार कम से कम 628 भारतीय कैदी पाकिस्तान में हैं, जिनमें से 577 मछुआरे हैं. भारत ने पाकिस्तान के साथ 355 पाकिस्तानी कैदियों की सूची साझा की थी, जिनमें 73 मछुआरे थे

Advertisement

ईधी फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा कि संगठन मछुआरों के लाहौर तक जाने का खर्च वहन करेगा, जहां उन्हें भारत के सीमा सुरक्षा बल को सौंपा जाएगा. ईधी फाउंडेशन ने हर मछुआरे को सद्भावना के तहत पचास-पचास हजार रुपए भी दिए.

Advertisement

गैर सरकारी संगठन ‘पाकिस्तान फिशरमेन फोरम' ने कहा कि दोनों देशों के बीच अरब सागर के तटीय क्षेत्र में एक स्पष्ट सीमांकन रेखा के अभाव के कारण आधुनिक समय के नौवहन उपकरण नहीं रखने वाले मछुआरे गलती से सीमा पार चले जाते हैं.

Featured Video Of The Day
India Pakistan Ceasefire: जब Pakistan के 93,000 सैनिकों को Indian Army ने चने चबवा दिए थे | 1971 War
Topics mentioned in this article