बांग्लादेश बीते कई महीनों से विरोध प्रदर्शन की 'आग'में झुलस रहा है. सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर यहां युवा सड़कों पर हैं. बांग्लादेशी जनता में सरकार के प्रति किस कदर गुस्सा था इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि शेख हसीना को ना चाहते हुए भी प्रधानमंत्री पद से ना सिर्फ इस्तीफा देना पड़ा बल्कि देश छोड़कर जाना पड़ा. अगर बांग्लादेश के मौजूदा हालात की बात करें तो अब सेना के समर्थन से नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस यहां अंतरिम सरकार बनाने जा रहे हैं. लेकिन इन सब के बीच बड़ा सवाल यह है कि आखिर शेख हसीना किस देश में शरण लेंगी.
सूत्रों से खबर आ रही थी कि शेख हसीना अमेरिका और ब्रिटेन में शरण की तैयारी में हैं. लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद शेख हसीना के बेटे ने ऐसी तमाम खबरों को बेबुनियाद बताया था. खबरों के मुताबिक अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया है. अब ऐसे में वह अमेरिका जाकर शरण नहीं ले पाएंगी. वहीं, ब्रिटेन जिसने भारत के भगोड़े नीरव मोदी और विजय माल्या को अपने यहां शरण दी हुई है, वो शेख हसीना को शरण देने में हिचक रहा है. यह वही ब्रिटेन है जिसने एक समय पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ और प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को भी शरण दी थी. लेकिन शेख हसीना को लेकर किसी दुविधा में दिख रहा है.
खालिस्तानियों को भी मिली है ब्रिटेन में शरण
ब्रिटेन बीते लंबे समय से अपनी धरती पर खालिस्तानियों को समर्थन देने के लिए जाना जाता रहा है. 2023 में भारत ने मुखर होकर ब्रिटेन से कहा था कि वह किसी भी स्थिति में अपने यहां भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले खालिस्तानी समर्थकों पर लगाम लगाएं. भारत ने उस दौरान खालिस्तानी समर्थकों तत्वों को ब्रिटेन में मिले शरणार्थी दर्जे पर भी चिंता व्यक्त की थी.
शेख हसीना के ब्रिटेन जाने की राह में क्या है पेच
बताया जा रहा है कि शेख हसीना के लंदन जाने में कई तरह के पेच हैं. शेख हसीना के सामने तकनीकी चुनौती यूके के आव्रजन नियमों ने पैदा की है. इसके मुताबिक किसी को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए यूके की यात्रा करने की अनुमति देने का कोई प्रावधान ही नहीं है. शेख हसीना को ब्रिटे में शरण ना मिलने के पीछे ये एक बड़ी वजह है.अगर बात ब्रिटेन सरकार द्वारा तय किए गए नियमों की करें तो, शरण मांगने वाले शख्स को यह दिखाना होगा कि वह अपने देश में सुरक्षित नहीं है.
ब्रिटेन किसी भी संभावित जांच के खिलाफ कानूनी सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकता.साथ ही अन्य विकल्पों पर विचार करने की बात कही गई है.ब्रिटेन के आव्रजन नियम में स्थायी या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन जाने का कोई प्रावधान नहीं है.इंटरनेशनल संरक्षण के लिए पहले सुरक्षित देश में शरण लेने की जरूरत.किसी भी संभावित जांच के खिलाफ ब्रिटेन में शरण नहीं मिल सकती .