बांग्लादेश में पाकिस्तान बनवा रहा इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी! 7 कैंप में 8850 भर्तियां- भारत सबसे बड़ा टारगेट

Bangladesh's Islamic Revolutionary Army: जमात-ए-इस्लामी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की कठपुतली करार दी गई यूनुस सरकार कई महीनों से इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी (IRA) बनाने की योजना में है. मौजूदा सेना को IRA से ही बदलने का विचार है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • बांग्लादेश में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी बनाने का पहला चरण शुरू, यूनुस सरकार के वरिष्ठ सलाहकार का खुलासा
  • जमात-ए-इस्लामी और ISI की कठपुतली यूनुस सरकार कई महीनों से इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी बनाने की योजना में है
  • IRA एक अत्यधिक कट्टरपंथी संस्था होगी, जो बांग्लादेश को इस्लामिक राज्य में बदलने में मदद करेगी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

एक साल में पूरा बांग्लादेश बदल चुका है. बांग्लादेश की अंतरिम मुहम्मद यूनुस सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार के खुलासे से साफ पता चलता है कि वहां इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी (IRA) बनाने का पहला चरण चल रहा है. 20 अक्टूबर को, अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद शोजिब भुयान ने सोशल मीडिया पर कहा कि कई केंद्रों में 8,850 व्यक्तियों को भर्ती करके उनको ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा कि इन लोगों को मार्शल आर्ट, हथियारों की शिक्षा, ताइक्वोंडो और जूडो में ट्रेनिंग दी जाएगी. यह खुलासा उस बात की पुष्टि करता है जो भारतीय एजेंसियां ​​पिछले कुछ महीनों से कह रही थीं.

जमात-ए-इस्लामी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की कठपुतली करार दी गई यूनुस सरकार कई महीनों से इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी (IRA) बनाने की योजना में है. मौजूदा सेना को IRA से ही बदलने का विचार है. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, IRA, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की तर्ज पर होगा. IRA एक अत्यधिक कट्टरपंथी संस्था होगी, जो बांग्लादेश को इस्लामिक राज्य में बदलने में मदद करेगी. अधिकारियों का कहना है कि इसका इस्तेमाल मोरल पुलिसिंग के लिए किया जाएगा, जैसा कि ईरान में देखने को मिलता है.

हालांकि इसका बड़ा लक्ष्य भारत होगा, और इसका मतलब यह होगा कि एक बार IRA स्थापित हो जाने के बाद, सीमा पर तनाव बहुत अधिक हो सकता है. हाल ही में जमात नेता डॉ. सैयद अब्दुल्ला मुहम्मद ताहेर ने न्यूयॉर्क में कहा था कि जमात के 50 लाख युवा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारत बांग्लादेश में घुसेगा तो 1971 में जो बदनामी हुई थी वो मिट जाएगी. हम खुद को सच्चे स्वतंत्रता सेनानी साबित करेंगे और जमात के 50 लाख लोगों में से एक हिस्सा गुरिल्ला युद्ध में शामिल होगा, जबकि बाकी लोग गजवा-ए-हिंद को लागू करने के लिए भारत के अंदर फैल जाएंगे.

पाकिस्तान के कंट्रोल में बांग्लादेश

विश्लेषकों का कहना है कि इन घटनाक्रम और बयानों से साफ संकेत मिलता है कि ISI ने बांग्लादेश पर कब्जा कर लिया है. पाकिस्तान की इच्छा बांग्लादेश को 1971 से पहले की स्थिति में वापस लाने की रही है और शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से वह लगातार इस योजना पर काम कर रहा है. वर्तमान में IRA के लिए 7 कैंप में 8,850 व्यक्तियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इन सभी लोगों को बांग्लादेश के रिटायर्ड सेना अधिकारी प्रशिक्षित कर रहे हैं जो पाकिस्तान समर्थक हैं. भविष्य में ऐसे और कैंप लगाने की योजना है.

योजना 160,000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने की होगी, जो बांग्लादेश सेना की वर्तमान ताकत है. इसके अलावा, इन कैंप्स में पाकिस्तानी सेना और ISI अधिकारी दोनों अक्सर आते रहते हैं. वे ही हैं जो फंड और उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं. जब से मुहम्मद यूनुस द्वारा पाकिस्तान के लिए समुद्री मार्ग खोला गया, हथियार और गोला-बारूद बड़ी संख्या में बांग्लादेश आए हैं. यह सब फिलहाल यूनिवर्सिटीज में जमा किया जा रहा है, जिन पर बड़े पैमाने पर जमात का नियंत्रण है.

जरूरत के मुताबिक इन हथियारों और गोला-बारूद को खुलेआम इन ट्रेनिंग कैंपों तक पहुंचाया जा रहा है. जहां तक ​​IRA का संबंध है, जमात समर्थित संस्थान भी अपने इरादों के बारे में खुलकर बात करते हैं. दिसंबर 2024 में ही, "एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट" (Anti-Discrimination Student Movement) नामक एक समूह, जिसमें यूनुस के करीबी छात्र शामिल हैं, ने IRA नामक एक मिलिशिया शुरू करने की घोषणा की थी.

संगठन ने एक फेसबुक पोस्ट में युवाओं से नामांकन के लिए ढाका यूनिवर्सिटी में इकट्ठा होने का आह्वान किया था. योजना ट्रेनिंग कैंप स्थापित करने की थी, और प्रारंभिक चरण के दौरान, एक मार्शल आर्ट सेशन होगा और उसके बाद एक महीने तक सैन्य शैली का प्रशिक्षण होगा. उसने कहा कि इसका संचालन सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा किया जाएगा. ये घटनाक्रम स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि जमात और ISI के इशारे पर यूनुस प्रशासन बांग्लादेश में सेना और डीजीएफआई दोनों को बंद करना चाहता है. सेना के शीर्ष अधिकारियों और सत्तारूढ़ सरकार के बीच मतभेद की अफवाहें हैं. अदालतें कई सेना और डीजीएफआई कर्मियों को गिरफ्तार करने के आदेश पारित करती रही हैं.

Advertisement

अदालतों ने कहा है कि ये लोग अत्याचार में शामिल थे, लेकिन हकीकत में, जिन लोगों को निशाना बनाया गया है, वे सभी शेख हसीना के करीबी माने जाते हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन घटनाक्रमों ने बांग्लादेश सेना के भीतर गहरी दरार पैदा कर दी है, जबकि कई लोग IRA की स्थापना के पक्ष में हैं.

यह भी पढ़ें: मुस्लिम महिलाओं को हिजाब का हुक्म और बेटी निकाह में ऐसे आई नजर... ईरान के सुप्रीम लीडर के करीबी पर भड़के लोग

Advertisement
Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh में कुपोषण का कहर, 8 और 12 रुपयों के जाल में फंसा बचपन
Topics mentioned in this article