1971 के बाद पहली बार ढाका में ISI... बांग्लादेश और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां क्या बढ़ा देंगी भारत की टेंशन

पाकिस्तान और बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीते मंगलवार को इस्लामाबाद में एक बैठक की. कहा जा रहा है कि उस बैठक के दौरान इस बैठक के दौरान दोनों ही सेनाओं ने मजबूत रक्षा संबंधों पर बात की थी.

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ढाका में आईएसआई के अधिकारियों की मौजूदगी भारत के लिए क्यों है चिंता का कारण

भारत और बांग्लादेश के बीच बीते करीब एक साल से संबंध पहले की तरह नहीं रहे हैं. दोनों देशों के बीच के संबंध अभी भी हर बीतते दिन के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं. संबंधों में आई इस खटास की एक वजह बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार और हिंसा के मामले भी हैं. जिसे लेकर भारत लगातार बांग्लादेश की मौजूदा सरकार से आपत्ति जता चुका है. साथ ही ये मांग भी कर चुका है कि वहां रह रहे अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं.लेकिन ऐसे हमले अभी भी जारी हैं. इन सब के बीच अब खबर आ रही है कि बांग्लादेश पाकिस्तान से अपनी दोस्ती बढ़ाने की फिराक में है. कहा जा रहा है बांग्लादेश के पाकिस्तान के प्रति बढ़ते झुकाव का असर भारत के साथ उसके संबंधों पर भी पड़ेगा. 

ISI की ढाका में एंट्री बहुत कुछ कहती है

मिल रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एक हाई लेवल टीम अगले कुछ दिनों तक ढाका में रहेगी. आईएसआई की ये टीम अगले कुछ दिनों में बांग्लादेशी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात भी करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस टीम में मेजर जनरल शाहिद आमीर भी शामिल हैं. ये वही शाहिद आमीर हैं जो चीन पाकिस्तान के मिलिट्री डिप्लोमेट रह चुके हैं. कहा जा रहा है कि उनके साथ दो ब्रिगेडियर भी होंगे. ISI की टीम 21 जनवरी को ढाका पहुंची थी. ये टीम ढाका में  24 जनवरी तक रहेगी. 

बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों ने भी किया था पाकिस्तान का दौरा

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों के बांग्लादेश दौरे से पहले बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पाकिस्तान का दौरा किया था. आपको बता दें बांग्लादेश और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच ये बढ़ती नजदीकियां, बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद से दिख रही है. पाकिस्तान और बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीते मंगलवार को इस्लामाबाद में एक बैठक की थी. कहा जा रहा है कि उस बैठक के दौरान इस बैठक के दौरान दोनों ही सेनाओं ने मजबूत रक्षा संबंधों पर बात की और भविष्य में इस साझेदारी को और मजबूती देने पर विचार भी किया. आपको बता दें कि बीते दिनों बांग्लादेश के सशस्त्र बल प्रभाग के ‘प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर' (पीएसओ) लेफ्टिनेंट जनरल एस. एम. कमर-उल-हसन की पाकिस्तान यात्रा पर थे. 

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रावलपिंडी मे ंहुई थी बैठक

हसन ने रावलपिंडी के जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी. सेना के अनुसार बैठक में दोनों ने क्षेत्र की सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर व्यापक चर्चा की और "द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने के रास्तों" पर विचार-विमर्श किया गया था. दोनों देशों ने बैठक के दौरान मजबूत रक्षा संबंधों के महत्व पर जोर दिया. दोनों देशों के बीच बनी इस सहमति से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश अपनी सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने की तैयारी में लगा हुआ है.दोनों देशों की यह सहमति सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के नजरिए से महत्वपूर्ण हो सकती है. 

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भारत के साथ संबंधों पर भी पड़ सकता है असर 

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियों का असर भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध पर भी पड़ सकता है. जानकार बताते हैं कि 1971 के बाद ये पहली बार हो रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान इतने करीब आ रहे हैं. ऐसे में ये भारत के साथ बांग्लादेश के पुराने संबंध को नुकसान जरूर पहुंचाएगा. 

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