इजरायल-ईरान 'शैडो वॉर' के बीच अमेरिका में हाई अलर्ट: जानें-कैसे उपजा संघर्ष

दश्मिक में ईरानी दूतावास पर हुए हमले के बाद से इजराल हाई अलर्ट (Israel On High Alert) पर है. उसने अपने फाइटर सोल्जर्स की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और रिजर्व बुला लिया है , साथ ही हवाई सुरक्षा भी बढ़ा दी है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
इज़रायल-ईरान युद्ध की आहट के बीच अमेरिका में हाई अलर्ट.
नई दिल्ली:

हमास के खिलाफ इजरायल का युद्ध अब तक खत्म नहीं हुआ है, अब इजरायल के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. ईरान इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ने (Iran Israel War) की तैयारी कर रहा है. ईरान का कहना है कि वह इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ने को तैयार है. जिसके बाद यहूदी देश को एक और मोर्चा मजबूत करने की जरूरत है. दरअसल दश्मिक में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए इजरायली हमले से ईरान बदले की आग में जल रहा है. दरअसल इस हमले में उनके दो जनरलों समेत करीब 7 लोग मारे गए थे. वहीं इज़रायल  पिछले कुछ महीनों में सीरिया में ईरान से जुड़ी संपत्तियों को बार-बार निशाना बनाता रहा है. दश्मिक में हुआ हमला, पहली बार था जब किसी ईरानी राजनयिक भवन को निशाना बनाया गया था. अब अमेरिका भी हाई अलर्ट पर है.

ईरान के हमले को लेकर इजरायल में हाई अलर्ट

दश्मिक में ईरानी दूतावास पर हुए हमले के बाद से इजराल हाई अलर्ट पर है. उसने अपने फाइटर सोल्जर्स की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और रिजर्व बुला लिया है, साथ ही हवाई सुरक्षा भी बढ़ा दी है. इजरायली सेना ने गुरुवार को  देश पर दागे जा सकने वाले जीपीएस-नेविगेटेड ड्रोन या मिसाइलों को बाधित करने के लिए तेल अवीव के ऊपर मिलिट्री स्क्रेंबल्ड नेविगेशन सिग्नल्स को चेक किया. 

ये भी देखें-

इज़रायल-ईरान 'शेडो वॉर'

इस शेडो कॉन्फ्लिक्ट की जड़ें 1979 में ईरान के अंतिम राजा, शाह मोहम्मद रजा पहलवी के तख्तापलट से जुड़ी हैं. इस्लामी क्रांति के बाद, ईरान के नेताओं ने इजरायल विरोधी रुख अपना लिया और खुद  लेबनान में हिजबुल्लाह और फ़िलिस्तीन में हमास जैसे समूहों के साथ जुड़ गए. 

Advertisement

इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी का  इस्लाम समर्थक रुख सामने आया था. उन्होंने खुद के हितों को साधने के लिए फिलिस्तीनियों समेत  दूसरे लोगों पर अत्याचार करने वाली "अहंकारी" विश्व शक्तियों के खिलाफ लड़ाई का आह्वान किया.

Advertisement

ईरान की नई सरकार ने इज़रायल को "छोटा शैतान" और अमेरिका को "बड़ा शैतान" कहना शुरू कर दिया.

 इज़रायल ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को अपने अस्तित्व के लिए ख़तरे के रूप में देखता है और कथित तौर पर उसके परमाणु कार्यक्रम को असफल करने के लिए गुप्त अभियान चला रहा है.

सार्वजनिक रूप से हमले से इनकार

इज़रायल और ईरान के बीच झड़पें सिर्फ विचारधाराओं या समूहों तक ही सीमित नहीं हैं. दोनों देश अक्सर एक दूसरे पर हमला करते रहते हैं. लेकिन दोनों ही देश सार्वजनिक रूप से हमले करने से इनकार करते रहे हैं. यही वजह है कि दोनों के संघर्ष को 'शेडो वॉर' कहा जाता है.  

Advertisement

अमेरिका में क्यों हाई अलर्ट?

ईरान-इज़रायल संघर्ष के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया.

Advertisement

बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "तब से हमारी टीमें लगातार संपर्क में हैं. अमेरिका ईरान से इजरायल की रक्षा का पूरा समर्थन करता है."

लेकिन बाइडेन की कॉल के सार्वजनिक होने के कुछ ही घंटों बाद, ईरान ने एक बयान जारी कर अमेरिका को संघर्ष से दूर रहने की चेतावनी दी.

वाशिंगटन को एक लिखित संदेश में, ईरान ने 'अमेरिका को नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी," ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का जिक्र करते हुए एक्स पर लिखा, अमेरिका को "अलग हट जाना चाहिए ताकि आप पर आंच न आए."

ये भी पढ़ें-इजरायल पर हमले की तैयारी कर रहा ईरान, अमेरिका से कहा- "अलग हट जाओ"

ये भी पढ़ें-चीन AI की मदद से भारत के आम चुनाव को प्रभावित करने की तैयारी में, माइक्रोसॉफ्ट ने किया बड़ा दावा

Featured Video Of The Day
Allu Arjun News: Telugu Superstar का सड़क से सदन तक विरोध
Topics mentioned in this article