पाक सेना के लिए अब बस 'मेरी हत्या' करना बाकी है : इमरान खान ने जेल से लिखा

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक इमरान खान ने कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा देश 'खतरनाक चौराहे' पर है और सरकार 'हंसी का पात्र' बन गई है.

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इमरान खान ने कहा कि मैं डरता नहीं हूं, क्योंकि मेरा विश्वास मजबूत है. (फाइल)
लंदन/इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने देश की खराब स्थिति पर दुख जताते हुए कहा है कि शक्तिशाली सैन्य नेतृत्व के लिए अब केवल उनकी 'हत्या' करना बाकी रह गया है. खान ने कहा कि देश की स्थिति इतनी भयावह है कि उनके जैसा नेता जेल में बंद हैं. उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत जेल में रखा गया है. ब्रिटेन के 'डेली टेलीग्राफ' अखबार के लिए रावलपिंडी की अदियाला जेल से लिखे गए एक स्तंभ में क्रिकेटर से नेता बने 71-वर्षीय खान ने अपने पिछले दावे को दोहराया कि अगर उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी हुआ तो इसके लिए सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान ने कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा देश 'खतरनाक चौराहे' पर है और सरकार 'हंसी का पात्र' बन गई है.

उन्होंने लिखा है, ‘‘सैन्य प्रतिष्ठान ने मेरे खिलाफ वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे. अब उनके लिए बस मेरी हत्या करना बाकी है.''

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गुलामी के बजाय मौत को प्राथमिकता दूंगा : इमरान खान 

उन्होंने कॉलम में लिखा है, ‘‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर मुझे या मेरी पत्नी (बुशरा बीबी) को कुछ भी होता है, तो जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे, लेकिन मैं डरता नहीं हूं, क्योंकि मेरा विश्वास मजबूत है. मैं गुलामी के बजाय मौत को प्राथमिकता दूंगा.''

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पाकिस्तान के अस्तित्व के 75 से अधिक वर्षों की आधी से अधिक अवधि तक देश पर शासन करने वाली शक्तिशाली सेना ने सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में व्यापक शक्ति का इस्तेमाल किया है. हालांकि, सेना ने देश की राजनीति में हस्तक्षेप से इनकार किया है.

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खान ने चेतावनी दी कि देश उसी रास्ते पर चल रहा है, जिस पर वह 1971 में चला था, जब उसने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) खो दिया था.

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खान ने कहा कि सैन्य उद्देश्यों के लिए अमेरिका को हवाई क्षेत्र और संबंधित सुविधाओं तक पहुंच के प्रावधान के बदले सैन्य प्रतिष्ठान की अमेरिका से 'निर्विवाद समर्थन' की उम्मीद मानवाधिकार के मसले पर अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद से धूमिल हो गयी है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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