कोरिया का सुनहरा रहस्य... आज भी चमकदार है 1500 साल पुराना चेओनमाचोंग क्राउन, ट्रंप को मिली 'फर्स्‍ट कॉपी' 

यह मुकुट करीब 32 सेंटीमीटर ऊंचा और 19 सेंटीमीटर चौड़ा है. इसमें शुद्ध सोना, जेड और बाकी कीमती पत्थरों का प्रयोग किया गया है. इसकी डिजाइन बेहद प्रतीकात्मक है. इसमें ऊपर की तरफ निकली हुई शाखाएं 'ट्री ऑफ लाइफ' यानी 'जीवन वृक्ष' का प्रतिनिधित्व करती हैं.

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  • साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने डोनाल्ड ट्रंप को कोरियन राजशाही के सोने के मुकुट की रेप्लिका दी.
  • चेओनमाचोंग क्राउन की इस रेप्लिका को सिला राज परिवार के ताज के रूप में म्यूजियम में रखा गया है.
  • सिला साम्राज्य के इस मुकुट की खोज 1973 में चेओनमाचोंग टॉम्‍ब से हुई, जिसमें लगभग 11000 अनमोल वस्तुएं मिलीं.
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नई दिल्‍ली:

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने ली जे म्युंग ने अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप को एक पुराने कोरियन राजशाही के इतिहास की धरोहर सोने के मुकुट की रेप्लिका गिफ्ट की. इस मुकुट को चेओनमाचोंग क्राउन की रेप्लिका बताया जा रहा है. ट्रंप के स्वागत के समय उन्‍हें जो क्राउन गिफ्ट किया गया है वह कभी सिला राज परिवार का ताज हुआ करता था. साउथ-ईस्ट शहर ग्योंगजू के ग्योंगजू नेशनल म्यूजियम में उन्‍हें इस सम्‍मान से नवाजा गया जो कि इस राजपरिवार की राजधानी थी. जिस क्राउन की प्रतिकृति ट्रंप को दी गई है, उसे कभी कोरिया की शान कहा जाता था. आइए आपको इस क्राउन के बारे में बताते हैं. 

कोरिया के इतिहास का खजाना  

दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू शहर में स्थित चेओनमाचोंग टॉम्‍ब न सिर्फ एक पुरातात्विक खजाना है बल्कि इसमें मिला सोने का मुकुट आज भी दुनिया को चौंकाता है. यह मुकुट सिला साम्राज्य की महानता और उस दौर की शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है. इसी मुकुट की रेप्ल्किा ट्रंप को दी गई है.  चेओनमाचोंग टॉम्‍ब की खुदाई सन् 1973 में हुई थी. यह खोज दक्षिण कोरिया के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक घटनाओं में से एक मानी जाती है. इस कब्र से करीब 11,000 अनमोल वस्तुएं निकली थीं, जिनमें सबसे चमकदार और कीमती था, सोने का मुकुट. यह मुकुट इतना भव्य था कि माना जाता है कि इसे 5वीं या 6वीं सदी ईस्वी के दौरान सिला साम्राज्‍य के किसी राजा ने पहना था. 

मुकुट की कहानी 

यह मुकुट करीब 32 सेंटीमीटर ऊंचा और 19 सेंटीमीटर चौड़ा है. इसमें शुद्ध सोना, जेड और बाकी कीमती पत्थरों का प्रयोग किया गया है. इसकी डिजाइन बेहद प्रतीकात्मक है. इसमें ऊपर की तरफ निकली हुई शाखाएं 'ट्री ऑफ लाइफ' यानी 'जीवन वृक्ष' का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो कोरियाई शमन परंपरा का एक प्रमुख प्रतीक थी. मुकुट में बनीं ये तीन मुख्य शाखाएं हैं जो स्वर्ग, पृथ्वी और अधोलोक, तीनों लोकों का प्रतीक मानी जाती हैं.

इस मुकुट के साथ पाए गए और दूसरे आभूषणों में सोने के हार, बेल्ट, बालियां और हथियारों के हिस्से शामिल थे. इससे पता चलता है कि सिल के राजा या शाही परिवार न केवल धनवान थे बल्कि उनके शासन में कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता का गहरा प्रभाव था. सबसे खास बात है कि चेओनमाचोंग टॉम्‍ब का नाम एक घोड़े की पेंटिंग से प्रेरित है, जो उस कब्र के अंदर खोजी गई थी. 

हर साल पहुंचते हजारों पर्यटक 

यह कोरिया में पाई गई एकमात्र ऐसी पेंटिंग है जिसमें एक पंखों वाला घोड़ा दिखाया गया है जिसकी मृत्‍यु हो चुकी है. इसीलिए इस कब्र का यह नाम पड़ा जिसकी मतलब है 'स्वर्गीय घोड़े की कब्र'. आज चेओनमाचोंग क्राउन को ग्योंगजू नेशनल म्यूजियम में देखने हजारों पर्यटक और इतिहास-प्रेमी हर साल आते हैं. इसकी चमक केवल सोने में नहीं, बल्कि उस प्राचीन सभ्यता की बुद्धिमत्ता और रहस्यमय आस्था में झलकती है जिसने इसे जन्म दिया. 
 

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