भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी अजय बंगा बुधवार को निर्विरोध विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष नियुक्त हो गये. वह इस पद पर पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं. विश्व बैंक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बंगा की नियुक्ति की जानकारी देते हुए कहा, 'विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों ने आज अजय बंगा को पांच साल के लिए अध्यक्ष चुन लिया. उनका पांच साल का कार्यकाल दो जून, 2023 से शुरू होगा.' मास्टरकार्ड इंक के पूर्व प्रमुख बंगा फिलहाल जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं.
विश्व बैंक ने कहा कि निदेशक मंडल को बंगा के साथ मिलकर विश्व बैंक समूह विकास प्रक्रिया पर काम करने का इंतजार है. अप्रैल में संपन्न बैठक में इस विकास प्रक्रिया पर सहमति बनी थी. इसके अलावा विकासशील देशों के समक्ष मौजूद मुश्किल विकास चुनौतियों से निपटने के प्रयासों पर भी मिलकर काम करना है. बंगा दुनिया के शीर्ष वित्तीय संस्थानों- विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में से किसी की भी कमान संभालने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति और पहले सिख-अमेरिकी हैं.
बंगा का जन्म और पालन-पोषण भारत में ही हुआ था. बंगा को भारत सरकार वर्ष 2016 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गत फरवरी में 63 वर्षीय बंगा को विश्व बैंक के मुखिया पद के लिए नामित करने की घोषणा की थी. बाइडन ने कहा था कि बंगा इतिहास के इस महत्वपूर्ण क्षण में इस वैश्विक संस्था की अगुवाई करने के लिए सक्षम हैं.
बंगा अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ भी काम कर चुके हैं. वह 'पार्टनरशिप फॉर सेंट्रल अमेरिका' के सह-प्रमुख थे. वह वर्ष 2020-22 के दौरान इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद चेयरमैन रहे हैं. इसके अलावा वह एक्सर के चेयरमैन और टेमासेक के स्वतंत्र निदेशक भी हैं. इसके पहले वह अमेरिकन रेडक्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डाऊ इंक के निदेशक मंडल का भी हिस्सा रह चुके हैं. वह अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी मंच के संस्थापक ट्रस्टी और बराक ओबामा के समय गठित साइबर-सुरक्षा आयोग के सदस्य भी रहे.
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