Afghanistan crisis: अफगानिस्तान पर कब्जा होते ही तालिबानियों (Taliban) की 'मनमानी' सामने आने लगी है. अपने पिछले कार्यकाल के दौरान बामियान में बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त करने पर पूरी दुनिया की आलोचना झेलने वाले तालिबानियों ने बामियान में हजारा लीडर अली मज़ारी की प्रतिमा को गिरा दिया. मानवाधिकार कार्यकर्ता सलीम जावेद ने एक ट्वीट में लिखा, 'तालिबान ने बामियान में हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को धराशायी कर दिया. पिछली बार उन्होंने मजारी को मार डाला था और बुद्ध की विशाल प्रतिमा तथा सभी ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों को ध्वस्त किया था.'मजारी हजारा लीडर थे जिन्हें वर्ष 1995 में तालिबान ने मार डाला था. तालिबान पिछले कई वर्षों से हजाराओं (Hazaras) पर हमला करते रहे हैं.
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दरअसल हजारा एक जातीय समूह है जो मुख्यत: अफगानिस्तान के पहाड़ों वाले मध्य क्षेत्र में है, इस क्षेत्र को हजारात के नाम से भी जाना जाता है. हजाराओं को मंगोल शासन के संस्थापक Genghis Khan और मंगोल सैनकों को वंशज माना जाता है जो 13वीं सदी में यहां आए थे. हजारा के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि देश की कुछ महिला डिस्ट्रिक्ट गवर्नरों में से एक सालिमा मजारी इस समय तालिबानी हिरासत में हैं. अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद हालांकि तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान से किसी भी देश को खतरा नहीं होगा और वे किसी के साथ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे लेकिन ज्यादातर लोगों को इस निर्दयी आतंकी संगठन की की बातों पर भरोसा नहीं है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान )सभी विश्व देशों से वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी भी देश को कोई खतरा नहीं होगा."
जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, "हम एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष शामिल हों, वे युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं." उन्होंने कहा, "हम कोई आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते हैं. हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है और अपने नेता के आदेश के आधार पर हमने सभी को माफ कर दिया है."जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पूर्व सैन्य सदस्यों और विदेशी बलों के साथ काम करने वालों सहित किसी के खिलाफ कोई प्रतिशोध नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "कोई भी उनके घर की तलाशी नहीं लेगा."उन्होंने कहा, "अफगान को लोगों के मूल्यों से मेल खाने वाले नियमों को लागू करने का अधिकार है, इसलिए अन्य देशों को इन नियमों का सम्मान करना चाहिए."यह दावा करते हुए कि महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा, तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वे इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम कर सकती हैं, जहां उनकी जरूरत है. तालिबान ने मंगलवार को सभी सरकारी कर्मचारियों को 'आम माफी' (General amnesty) देते हुए काम पर लौटने की अपील की है. तालिबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'सभी के लिए आम माफी का ऐलान किया जा रहा है...ऐसे में आप अपनी रूटीन लाइफ पूरे विश्वास के साथ शुरू कर सकते हैं. '