"एक क्रेन, भगवान के खातिर": तुर्की में भूकंप से मची तबाही के बाद इस कदर संघर्ष कर रहे लोग

तुर्की में कई लोगों का कहना है कि एक हफ्ते पहले देश के दक्षिण और पड़ोसी सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से और लोग बच सकते थे, अगर रेस्क्यू कार्य तेज और बेहतर ढंग से की गई होती.

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(फाइल फोटो)
अंताक्य/इस्तांबुल, तुर्की:

तुर्की और सीरिया में आए भयावह भूकंप ने हजारों परिवारों की जिंदगी तबाह कर दी है. हजारों लोगों की मौत का कारण बनी भूकंप ने परिवारों के साथ-साथ कई शहर उजाड़ दिए हैं. भूकंप के बाद जीवित बचे लोगों का संघर्ष जारी है. वे घटना से संबंधित अपने अनुभव साझा कर रहे हैं, जिसे सुन दिल दहल जा रहा है.

केवसेर ने कहा कि वह अपने दो बेटों को तुर्की के अंताक्य शहर में उनकी ढही हुई अपार्टमेंट के मलबे के नीचे फंसे होने की आवाज सुन सकती हैं, लेकिन दो दिनों तक उन्हें बचाने का आदेश देने के लिए एक इमरजेंसी ऑपरेशन लीडर नहीं मिला.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केवसेर जो डाउनटाउन सड़क पर खड़ी थी जहां कम से कम एक दर्जन अन्य इमारतें ढह गई थीं ने पिछले सप्ताह मंगलवार को कहा, "हर कोई कह रहा है कि वे प्रभारी नहीं हैं. हमें पता नहीं चल सका है कि प्रभारी कौन है." 

उन्होंने कहा, "मैं कंक्रीट उठाने के लिए सिर्फ एक क्रेन की भीख मांगती रही. समय बीत रहा था. केवल एक क्रेन, भगवान के लिए." जब रॉयटर्स एक दिन बाद उक्त सड़क पर लौटा, तो लोगों ने कहा कि इमारत के मलबे से और जीवित लोगों को नहीं निकाला गया है. 

तुर्की में कई लोगों का कहना है कि एक हफ्ते पहले देश के दक्षिण और पड़ोसी सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से और लोग बच सकते थे, अगर रेस्क्यू कार्य तेज और बेहतर ढंग से की गई होती.

रॉयटर्स ने दर्जनों निवासियों से बात की और भूकंप के बाद के दिनों में आपदा क्षेत्र में पानी, भोजन, दवा, बॉडी बैग और क्रेन की कमी पर हैरानी व्यक्त करने वाले कई लोगों से बात की. हजारों लोगों को खुद की रक्षा के लिए सड़क पर छोड़ दिया गया है. 

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सोमवार को दोनों देशों से मरने वालों की संख्या 37,000 से अधिक हो गई, जिससे यह इस सदी की दुनिया की सबसे खराब प्राकृतिक आपदाओं और 1939 के बाद से तुर्की के सबसे घातक भूकंपों में से एक बन गया.

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