यूक्रेन-रूस युद्ध के 10 दिन पूरे, आगे कैसे होंगे सूरत-ए-हाल, जानिए- पांच संभावित परिदृश्य

Russia Ukraine War: पश्चिमी सरकार के सूत्रों और थिंक-टैंक विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले हफ्तों और महीनों में हालात और खराब हो सकते हैं. उससे संभावित परिदृश्य यहां दिए गए हैं-

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24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. (फाइल फोटो)

24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia Invasion of Ukraine) ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. हमले के 10 दिन हो जाने के बाद भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने अभी तक पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है. हालांकि, आज यूक्रेन के दो शहरों मारियुपोल और वोल्नोवाखा में अस्थाई युद्धविराम और सुरक्षित गलियारा देने की घोषणा की है. 

पश्चिमी सरकार के सूत्रों और थिंक-टैंक विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले हफ्तों और महीनों में हालात और खराब हो सकते हैं. उससे संभावित परिदृश्य यहां दिए गए हैं-

1. सैन्य टकराव और गहराने के आसार:
यूक्रेनी सेना ने अब तक रूस के आक्रमण का विरोध किया है. यूक्रेनी पैराट्रूपर्स ने शुरुआती दिनों में ही राजधानी कीव समेत खारकीव और मारियुपोल जैसे प्रमुख शहरों पर रूसी सेना के नियंत्रण के प्रयासों को विफल कर दिया है. हालांकि, रूस का दावा है कि उसके पास पूर्ण हवाई श्रेष्ठता है, और राजधानी कीव के आसपास और अन्य क्षेत्रों में यूक्रेन की हवाई सुरक्षा खराब हो गई है.

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एक यूरोपीय सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "बड़ी संख्या में यूक्रेनियन नागरिक क्षेत्रीय रक्षा इकाइयों में शामिल हो गए हैं. इससे रूसी सेना के मनोबल और उसके सैन्य समर्थन के बारे में सवाल बने हुए हैं. इससे उन्हें बहुत सारी समस्याएं हुई हैं."

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इस सप्ताह अमेरिकी थिंक-टैंक रैंड कॉर्पोरेशन के सैमुअल चरप ने लिखा, "पश्चिम कुछ प्रतिबंधों का लाभ उठाकर पुतिन को यूक्रेनी सरकार को गिराने और रूसी समर्थक कठपुतली स्थापित करने के अपने मुख्य युद्ध के उद्देश्य को छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है." रूस पर बीजिंग का भी दबाव बढ़ने के आसार हैं

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2. रूस में आंतरिक असंतोष और उथल-पुथल:
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश के अंदर पनप रहे असंतोष पर कड़ी नजर रख रहे हैं. रूस में स्वतंत्र मीडिया और विदेशी समाचार प्रदाताओं पर कार्रवाई की गई है, ताकि युद्ध के बारे में लोगों को वैकल्पिक जानकारी न मिल सके और सिर्फ अति-वफादार सरकारी मीडिया पर ही निर्भर रहा जा सके.

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रूस के स्थानीय अधिकार समूहों के अनुसार, सेंट पीटर्सबर्ग से लेकर मॉस्को तक के शहरों में छोटे-छोटे युद्ध-विरोधी प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें कम से कम 6,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सत्तारूढ़ वर्ग में भी दरार के संकेत हैं. कुछ सांसद कुलीन वर्ग, और यहां तक ​​​​कि निजी तेल समूह लुकोइल ने खुले तौर पर युद्धविराम या लड़ाई को समाप्त करने का आह्वान किया है.

3. रूसी सैन्य सफलता:
रूसी सैनिकों के पास उन्नत हथियार, तीव्र और घातक हवाई हमले की शक्ति और विनाशकारी तोपखानों का जखीरा है. पश्चिमी रक्षा विश्लेषकों को उम्मीद है कि इसके बल पर रूसी सैनिक आगे आने वाले दिनों में यूक्रेन में और आगे कदम बढ़ा सकते हैं. इसी के मद्देनजर रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले की आशंका से पहले शहर के बाहर वाहनों का एक विशाल काफिला जमा कर रखा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने गुरुवार सुबह पुतिन के साथ एक कॉल के बाद निष्कर्ष निकाला था कि "सबसे बुरा आना अभी बाकी है".

उनके एक सहयोगी ने बताया कि पुतिन "पूरे यूक्रेन पर नियंत्रण करना चाहते हैं" लेकिन अगर रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को अपदस्थ कर दिया और यूक्रेन के प्रतिरोध को कहीं और खत्म कर दिया, तो भी पुतिन को 40 मिलियन के राष्ट्र पर कब्जा करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा.

4. संघर्ष और गहरा सकता है:
यूक्रेन की सीमा चार पूर्व सोवियत राज्यों के साथ मिलती है जो अब अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन के सदस्य हैं, जो एक सदस्य पर हमले को सभी के खिलाफ हमला मानता है. सोवियत संघ के लिए पुतिन की पुरानी यादों और बाल्टिक राज्यों के रूसी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की उनकी प्रतिज्ञा ने उनकी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

कुछ लोगों को आशंका है कि पुतिन यूक्रेन और रोमानिया के बीच एक पूर्व सोवियत राज्य मोल्दोवा पर भी नजर गड़ाए हुए हैं. कुछ लोगों को आशंका है कि पुतिन नाटो सदस्य पर खुले तौर पर हमला करेंगे, जिससे परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ सकता है. स्वीडन ने बाल्टिक सागर के द्वीप गोटलैंड पर रूसी नजरों पर ध्यान लगा रखा है.

5. नाटो से टकराव:
परमाणु हथियारों से विनाश की पारस्परिक गारंटी के कारण इसे हमेशा असंभव माना जाता रहा है. हालांकि, अमेरिका और रूस ने एक तथाकथित "विरोधाभास" बयान दिया है, जिस पर वे गलतफहमी की संभावनाओं को कम करने के लिए सैन्य सूचनाओं का तेजी से आदान-प्रदान कर सकते हैं.

सीरिया में भी यही तरीका अपनाया जा चुका है, जहां 2015 से अमेरिकी और रूसी सेना देश के गृहयुद्ध के विपरीत पक्षों पर सक्रिय हुए थे.  हालांकि,  पुतिन ने रूस के परमाणु निवारक बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने चेतावनी दी है कि "तीसरा विश्व युद्ध केवल एक परमाणु युद्ध हो सकता है".

पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की चेतावनियों को संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को यूक्रेन पर "नो-फ्लाई ज़ोन" जैसे विचारों पर विचार करने के रूप में लेना चाहिए.

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