दुनिया की पहली बांह-रहित तीरंदाज़ शीतल देवी ने अपनी जीत का श्रेय अपने माता-पिता, प्रशिक्षकों और कोच प्रीति को दिया, जिन्होंने उन्हें खेल की दुनिया से परिचित कराया था. अपने बारे में लोगों की गलत धारणाओं का ज़िक्र करते हुए शीतल देवी ने कहा कि लोगों को भरोसा नहीं था कि वह किसी खेल में हिस्सा ले सकती हैं, और वह खुद भी वही सोचती थीं. शीतल देवी ने कहा, "मैं हर रोज़ हतोत्साहित महसूस करती थी, लेकिन मेरी कोच प्रीति ने मुझे यहां तक लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई..." चीन के हांगझू में आयोजित एशियाई पैरा गेम्स 2023 में तीन पदक - दो स्वर्ण और एक रजत - जीतकर 16-वर्षीय खिलाड़ी ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोर ली थीं.