भारतीय पैरालंपिक समिति की पूर्व अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा, पैरा-एथलीटों को भागीदारी स्तर के एथलीट से पदक विजेता एथलीट तक ले जाने के लिए समावेशी नीतियों की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा, "समर्थ ने पैरा-एथलीटों के लिए आवश्यकताओं को वैयक्तिकृत और अनुकूलित करके पैरा एथलीटों को उनके पंखों के नीचे की हवा भी दी है।