तलवारबाजी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, लेकिन संसाधन नहीं है. हालांकि कई बार प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं है. मंडला के गांव से भोपाल आए बच्चों ने स्कूली प्रतियोगिता में सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं. आप कहेंगे उसमें खास क्या है? इन बच्चों ने फेंसिंग यानी तलवारबाजी में मेडल जीते हैं लेकिन प्रैक्टिस तलवार से नहीं बल्कि लकड़ी की डंडी और बांस से तलवारबाजी सीखी.