मुकाबला : कृषि कानूनों पर किसानों का भरोसा क्यों नहीं जीत पा रही सरकार
प्रकाशित: दिसम्बर 25, 2020 08:00 PM IST | अवधि: 34:51
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दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (Delhi-Haryana Border) पर किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का एक माह पूरा हो गया है और कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध कायम है. किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि सरकार वार्ता को लेकर आगे आई है और कृषि कानूनों में बदलाव को भी राजी हैं. लेकिन ये किसान राज्यों के संघीय अधिकारों के खिलाफ है. दूसरा प्राइवेट मंडी और ठेका खेती किसानों को बर्बाद कर देगी. मनजीत सिंह ने कहा कि किसान पूंजीपतियों के आगे मजबूर है. डेयरी और पोल्ट्री में काट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming) असफल रही है. उन्होंने MSP के अधिकारों को कागजी बताया.