प्रेस फ्रीडम इंडेक्स किसी देश में प्रेस की आजादी का पैमाना होता है. हालांकि यह आधिकारिक नहीं है लेकिन इसके कुछ मायने भी हैं. इस इंडेक्स में साल 2018 में भारत का स्थान 140वां था. नेपाल, सूडान और यहां तक कि अफगानिस्तान भी भारत से ऊपर थे. ये महज आंकड़े नहीं हैं. भारत में पत्रकारों पर जुल्म हर तंत्र में ढाए गए हैं. राज्य सरकारें भी कुछ बेहतर नहीं हैं. केरल से लेकर बंगाल तक फेडरल स्ट्रक्चर का बखान करने वाली हर सरकार ने पत्रकारों पर और अभिव्यक्ति की आजादी पर शिकांजा कसने की पूरी कोशिश की है. ऐसे में दो सवाल उठते हैं. 1- क्या हम मानेंगे कि पत्रकारों पर हो रहा है प्रहरी का प्रहार? 2 - कैसे रोकें ये प्रहार? मुकाबला में देखें इन्हीं सवालों पर चर्चा.