देश में छात्रों के जान देने के मामलें दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे है. उज्ज्वल भविष्य की उम्मीदें लिए पढ़ाई में जीतोड़ मेहनत कर रहे छात्रों के जीवन में फिर ऐसा क्या होता है की जिंदगी की उम्मीद की डोर टूट जाती है और अपने ही हाथों अपने भविष्य और अपनी ज़िंदगी की लौ बुझा लेते है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि, दुनियाभर में हर साल 70 लाख लोग ख़दकुशी कर लेते हैं. भारत में 2019-23 के बीच उच्च शिक्षण संस्थानों में 75 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है.