बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में एक्यूट एंसिफलाइटिस के कारण 100 से अधिक बच्चों की मौत हुई है. 2014 में भी 139 बच्चों की मौत हो गई थी. 2012 में 178 बच्चों की मौत हो गई थी. कोई ऐसा साल नहीं गुज़रता है जब यहां अप्रैल से लेकर जून के बीच बच्चों की मौत की ख़बरें नहीं आती हैं. भावुक होने के लिए मीडिया 2012 में भी भावुक हुआ होगा, 2014 में भी हुआ होगा और 2019 में भी हो ही रहा है. मुज़फ्फरपुर ज़िले में मौत से जुड़े जो कारण सामने आ रहे हैं वो एक ऐसा विषय है अगर 100 बच्चों की मौत न हो तो आपका यही मीडिया उस पर तीस सेकेंड की भी ख़बर न दिखाए. मीडिया ही नहीं आप भी नहीं देखना चाहेंगे. ज़ाहिर है आप भी रात के 9 बजे कुपोषण पर चर्चा नहीं देखना चाहेंगे क्योंकि आप तो मानते हैं कि वो दिखाया जाए जिससे लगे कि कुछ हो रहा है. कुपोषण वगैरह तो चलता ही रहता है.