गरीबों के, किसानों के, बेरोजगारों के, दलितों के, मजदूरों के, पिछड़ों के इन सबके मुद्दे जैसे कहीं पीछे छूट गए हैं और देश में सिर्फ एक ही मुद्दा बच गया है- हिंदू-मुसलमान का. देश की दो सबसे बड़ी पार्टियां हिंदू और मुसलमान के सवाल पर आपस में उलझी हुई हैं. याद नहीं आता कि राजनीतिक शब्दावली में हिंदू-मुसलमान शब्दों का इतने दुस्साही ढंग से खुल कर इस्तेमाल आखिरी बार कब किया गया था.