कई राज्य सरकारें अब खुद भी बताने लगी हैं कि वो कितना टेस्ट कर रही हैं. उन्हें कितने किट चाहिए इसकी भी बात बताने लगी हैं. यह बता रहा है कि तालाबंदी के दो हफ्ते बीत जाने के बाद और संक्रमण की पहली खबर के दो महीना बीत जाने के बाद हमारी तैयारी कैसी है. 2 अप्रैल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से कहा कि राज्य को 10,000 RNA अलग करने का किट चाहिए लेकिन 250 ही मिला. इसका मतलब है 12 करोड़ की आबादी वाले राज्य को पूरी तरह से टेस्ट किट भी नहीं मिले हैं. यह जानकारी बिहार सरकार ने खुद अपनी प्रेस रिलीज में दी है. दिल्ली के डॉ अरविंद गुप्ता का कहना है कि RNA एक्सट्रैक्शन के बगैर टेस्ट ही नहीं हो सकता है। तो फिर बिहार बगैर इसके ही टेस्ट कर रहा है? 6 अप्रैल को बिहार के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने ट्विट किया है कि 6 अप्रैल की सुबह 10 बजे तक 3545 सैंपल ही टेस्ट हुए हैं. सोचिए जबकि बिहार के अलग अलग ज़िलो में 27000 लोग क्वारिंटिन पर हैं. 12 करोड़ की आबादी वाला राज्य पर्याप्त टेस्ट भी नहीं कर पा रहा है. जबकि हम फरवरी मार्च के बाद अप्रैल में आ गए हैं.