बुधवार को कांग्रेस के चार बड़े नेताओं - पूर्व रक्षा मंत्री एके ऐंटनी, पूर्व गृह मंत्री, सुशील कुमार शिंदे, पूर्व विदेश मंत्री सलमान ख़ुर्शीद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ की चैट को लेकर कई सवाल खड़े किए. एके ऐंटनी ने कहा कि जिस तरह एक पत्रकार को सैन्य कार्रवाई की पूर्व सूचना दी गई, वह राजद्रोह का मामला बन जाता है. सुशील कुमार शिंदे ने ध्यान दिलाया कि ये सरकारी गोपनीयता क़ानून के उल्लंघन का भी मामला है जिसकी जांच होनी चाहिए. गुलाम नबी आज़ाद ने इसे टीआरपी फ्रॉड कहा जिससे एक कंपनी को पैसे मिले, इसलिए ये आर्थिक आपराधिक मामला है. सलमान ख़ुर्शीद ने चैट में न्यायपालिका पर की गई टिप्पणियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि इन सबकी जांच होनी चाहिए.