ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ता लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कलंक कम हो रहा है और स्वास्थ्य क्षेत्र ट्रांसजेंडर समुदाय की जरूरतों के लिए अधिक खुला हो रहा है, लेकिन हमारे डॉक्टरों और सरकारी अस्पतालों को विशिष्ट लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है.