चांद पर पहुंचने के भारत के सपने के पीछे जो ख़ास लोग हैं उनमें प्रमुख हैं डॉ के सिवन जो एक किसान के बेटे और एक कामयाब ऐरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. डॉ के सिवन इसरो के चेयरमैन होने के नाते इस अभियान की अगुवाई कर रहे हैं. उन्हें भारत का रॉकेट मैन भी कहा जाता है.अंतरिक्ष में एक साथ 104 सैटलाइट छोड़कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. मिशन चंद्रयान-2 के हर पल पर नजर रख रहे के सिवन ने एनडीटीवी से कहा, मैं एक ग़रीब घर से आता हूं, मेरा परिवार किसानी करता है. मैं तमिल मीडियम में सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं.चंद्रयान-2 अभियान के लिए पर्दे के पीछे काम करने वालों में और भी कई ख़ास नाम हैं. जिनमें डॉ एस सोमनाथ जो मैकेनिकल इंजीनियर हैं और जिन्होंनें क्रायोजेनिक इंजन की खामियों को सुधारा है. वैज्ञानिक डॉ वी नारायण जो क्रायोजेनिक इंजिन फैसिलिटी के प्रमुख हैं.